छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) ने अपने एक कर्मचारी की बेटी के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है. एसईसीएल के अधिकारियों ने शनिवार को यहां बताया कि कंपनी ने अपने एक कोयला खनिक की दो वर्ष की बेटी के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है. कर्मचारी को शुक्रवार को इस धनराशि का चेक दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि दीपका कोयला क्षेत्र में कार्यरत ओवरमैन सतीश कुमार रवि की बेटी सृष्टि रानी ‘स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी' (SMA) नामक एक बेहद ही दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त है.
अमूमन छोटे बच्चों में होने वाली इस बीमारी में रीढ़ की हड्डी और ब्रेन स्टेम में तंत्रिका कोशिकाओं की कमी से मांसपेशियां सही तरीके से काम नहीं कर पातीं और धीरे-धीरे यह बीमारी प्राणघातक होती चली जाती है. इसका इलाज बहुत ही महंगा है और इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन ‘जोलजेंस्मा' की कीमत 16 करोड़ रुपये है.
अधिकारियों ने कहा कि अब कोल इंडिया ने अपने परिवार की बिटिया के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है. शुक्रवार को सृष्टि रानी के पिता सतीश कुमार को 16 करोड़ रुपये का चेक प्रदान किया गया. उन्होंने बताया कि सतीश के पास पैसों की कमी थी और अपनी बच्ची के इलाज के लिए इतनी ऊंची कीमत पर इंजेक्शन खरीद पाना उसके लिए संभव नहीं था.
एसईसीएल की यह पहल ऐसे समय में आई है, जब देश भर में कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियों में कार्यरत कर्मी बिजली बनाने के लिए कोयले की बढ़ती मांग को देखते हुए दिन-रात अनवरत कार्य में जुटे हैं. एसईसीएल द्वारा बच्ची के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये स्वीकृत होने के बाद कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है.
CIL believes that its employees & their families are its real wealth. It has sanctioned Rs. 16 crores for the Zolgensma injection, the only treatment for Srishti, the 2 year old suffering from Spinal Muscular Atrophy. She is the daughter of Satish Kr. Ravi, overman, Dipka, SECL pic.twitter.com/lxyK9sF2Hw
— Coal India Limited (@CoalIndiaHQ) November 20, 2021
कोल इंडिया लिमिटेड ने ट्वीट करके कहा है कि ''सीआईएल (CIL) का मानना है कि इसके कर्मचारी और उनके परिवार ही इसकी असली संपत्ति हैं. इसके लिए 16 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित दो साल की सृष्टि का इलाज जोलगेन्स्मा इंजेक्शन से ही संभव है. वह SECL के ओवरमैन सतीश कुमार और दीपिका की बेटी है.''
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