कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए उनके भाषण के अंश संसद के रिकॉर्ड से क्यों हटाए गए हैं. गौरतलब है कि एक ही दिन पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण में की गई टिप्पणियों को भी संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया था.
संसद के उच्च सदन राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "मुझे नहीं लगता, मेरे भाषण में कुछ भी असंसदीय अथवा किसी पर आरोप लगाने वाला था... लेकिन कुछ शब्दों को गलत अर्थ में लिया गया... अगर आपको कोई संदेह था, तो आप किन्हीं और शब्दों में कह सकते थे, लेकिन आपने मेरे शब्दों को छह जगह से हटा दिए जाने के लिए कहा..."
मल्लिकार्जुन खरगे ने यह भी कहा, "(भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी) वाजपेयी साहब ने (भूतपूर्व प्रधानमंत्री पी.वी.) नरसिम्हा राव जी के खिलाफ एक शब्द इस्तेमाल किया था, और वह अब तक कार्यवाही में दर्ज है..."
राहुल गांधी की टिप्पणियों को संसदीय कार्यवाही से हटा दिए जाने - इसका अर्थ होता है कि मीडिया किसी भी रूप में उन टिप्पणियों को नहीं दिखा या लिख सकता - को लेकर विवाद पैदा हो गया है, और विपक्ष ने सरकार पर संसद में उनकी टिप्पणियों को सेंसर करने का आरोप लगाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के वक्त संसद में जाते हुए कांग्रेस सांसद ने पत्रकारों से पूछा था, "मेरे शब्द क्यों हटाए गए...?" बाद में बाहर आकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उन सवालों का जवाब देने में नाकाम रहे, जो उन्होंने एक दिन पहले पूछे थे.
उन्होंने कहा, "मैंने उनसे साधारण सरल सवाल पूछे थे... उन्होंने उनके जवाब नहीं दिए... इससे सच सामने आ जाता है... अगर वे मित्र नहीं होते, तो वह जांच करवाने के लिए तैयार हो जाते... रक्षा क्षेत्र में शेल कंपनियों के आरोप पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा..."
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