
पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की जांच के लिए डीआईजी मुर्शिदाबाद रेंज की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है. यह टीम हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगी और अपना रिपोर्ट देगी. इधर, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ कथित छेड़छाड़ और उनके विस्थापन की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.
मुर्शिदाबाद में पहली हिंसा मंगलवार 8 अप्रैल को हुई, कुछ प्रदर्शनकारी मुर्शिदाबाद से लगे राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को जाम करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई. फिर दूसरी हिंसा हुई शुक्रवार 11 मार्च को. जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे और वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. पुलिस टीम पर उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की. पुलिस वैन को आग के हवाले कर दिया गया और सार्वजनिक बसों में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई.
मुर्शिदाबाद के जंगीपुर के बेडबुना गांव में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आई 120 घरों में भीड़ ने कथित रूप से आग लगा दी और नकदी, गहने व मवेशी लूट लिए और उनके सामने अनिश्चित भविष्य छोड़ दिया. पीड़ितों का कहना है कि हमलावर बाहर से आए और हथियारों व पेट्रोल के साथ झोपड़ियों पर हमला किया था जिसके कई लोग जान बचाकर भागे. जिला प्रशासन ने घरों के पुनर्निर्माण का आश्वासन दिया है.
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