भारत आज अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. आज दुनिया ने राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ ने उच्च तकनीक वाले स्वदेशी उपकरणों से लैस सशस्त्र बलों की ताकत देखी. गणतंत्र दिवस परेड 2023 की शुरुआत मिस्र के सशस्त्र बलों के एक दल द्वारा मार्च के साथ हुई. 61 कैवेलरी की वर्दी में पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायज़ादा शौर्य बाली ने किया.
आकाश मिसाइल प्रणाली, उपग्रह, मॉड्यूलर ब्रिज, टो गन, यूटिलिटी हेलीकॉप्टर, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसे प्लेटफार्मों के अधिग्रहण के साथ भारतीय सेना की मारक क्षमता, सटीकता और विश्वसनीयता का प्रतीक है.
इस वर्ष, गणतंत्र दिवस परेड में केवल मेड-इन-इंडिया हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें गोला-बारूद सहित भारत की स्वदेशी शक्ति का प्रदर्शन किया गया.
एमबीटी अर्जुन (MBT Arjun)
75 आर्मर्ड रेजीमेंट के अर्जुन का नेतृत्व कैप्टन अमनजीत सिंह ने किया. MBT अर्जुन', भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है.
नाग मिसाइल सिस्टम (NAMIS)
अगली टुकड़ी थी लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ त्यागी के नेतृत्व में 17 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की एनएजी मिसाइल सिस्टम. NAMIS नामक प्रणाली एक टैंक विध्वंसक है जिसे DRDO की एक प्रयोगशाला रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला हैदराबाद द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है. इसमें एक ट्रैक्ड आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल होता है, जिसमें क्रू-लेस बुर्ज होता है जो छह 'नाग' एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल दागने में सक्षम होता है.
बीएमपी2/2 के (BMP2/2 K)
इसके बाद मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर के इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल बीएमपी-2 का मैकेनाइज्ड कॉलम आया, जिसका नेतृत्व 6 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट के कैप्टन अर्जुन सिद्धू ने किया.
सारथ नाम का ICV BMP-2, एक उच्च गतिशीलता इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (ICV) है जिसमें घातक हथियार है और यह रात में लड़ने की क्षमता रखता है. यह रेगिस्तान, पहाड़ी क्षेत्र या ऊंचाई वाले क्षेत्र के सभी युद्धक्षेत्र में प्रभावी ढंग से काम कर सकता है.
क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल (Quick Reaction Fighting Vehicle (QRFV)
अगली टुकड़ी थी क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल की, जिसका नेतृत्व 3 लद्दाख स्काउट्स रेजीमेंट के कैप्टन नवीन धतरवाल ने किया. आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत इन वाहनों का निर्माण भारतीय सेना के लिए टाटा एडवांस सिस्टम और भारत फोर्ज लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है और यह भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता की खोज का एक शानदार उदाहरण है.
के-9 वज्र-टी (एसपी) (K-9 Vajra-T (SP)
अगली टुकड़ी लेफ्टिनेंट प्रखर तिवारी के नेतृत्व वाली 224 मीडियम रेजिमेंट (सेल्फ प्रोपेल्ड) के के9 वज्र-टी की थी. K9 वज्र-टी 155mm/52 कैलिबर ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड की फायरिंग रेंज 40 किलोमीटर है.
ब्रह्मोस (Brahmos)
अगली टुकड़ी लेफ्टिनेंट प्रज्वल कला के नेतृत्व में 861 मिसाइल रेजीमेंट की ब्रह्मोस की थी. ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी रेंज 400 किमी है.
मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मोबाइल नेटवर्क केंद्र (Mobile Microwave Node and Mobile Network Centre)
कोर ऑफ सिग्नल के मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मोबाइल नेटवर्क सेंटर का नेतृत्व 2 एएचक्यू सिग्नल रेजिमेंट के मेजर मोहम्मद आसिफ अहमद ने 'तेवरा चौकस' के आदर्श वाक्य के साथ किया, जिसका अर्थ है 'स्विफ्ट एंड सिक्योर? भारतीय सेना का मोबाइल माइक्रोवेव नोड सामरिक युद्ध क्षेत्र में हाई स्पीड ऑपरेशनल कम्युनिकेशन का विस्तार करने में सक्षम है.
आकाश वेपन सिस्टम पहली स्वदेशी विकसित वायु रक्षा प्रणाली है जो दुश्मन के हवाई प्लेटफार्मों के खिलाफ शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (SR-SAM) फायर करने में सक्षम है.
आकाश में दो ध्रुव हेलीकाप्टरों और दो रुद्र हेलीकाप्टरों ने हथियार प्रणालियों के साथ एकीकृत होकर अपनी शक्ति प्रभुत्व का प्रदर्शन किया.
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