उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां वेंटिलेटर न मिल पाने की वजह से तमाम लोगों की मौत हो गयी है तो वहीं फ़िरोज़ाबाद मेडिकल कॉलेज में 67 वेंटिलेटर ज़्यादा आ गए हैं जो धूल फांक रहे हैं. पिछले साल पीएम केयर फंड से यहां 114 वेंटीलेटर आये थे. इनमें से सिर्फ 47 वेंटिलेटर का यहां इस्तेमाल हो रहा है. बाक़ी 67 वेंटिलेटर बेकार पड़े हैं. यहां के सी एम एस आलोक शर्मा का कहना है कि शासन को बता दिया गया है कि हमारे पास 67 वेंटिलेटर फालतू पड़े हैं, जहां चाहें इस्तेमाल कर लें.
सीएम योगी आदित्यनाथ के दावे की हकीकत, गाजियाबाद में ऑक्सीजन के लिए तरस रहे मरीज
हाल ही में, यूपी सरकार (UP Government) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा है कि सूबे में ऑक्सीजन (Oxygen), दवा और बेड की कोई कमी नहीं है. उनके इस दावे की हकीकत जानने के लिए एनडीटीवी ने यूपी के एक महानगर गाजियाबाद (Ghaziabad) के हाल जाने. जहां के लोग सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले हैं और जिसे औद्योगिक हब भी कहते हैं. एक तरफ यूपी के मुख्यमंत्री की अखबारी हेडलाइन है और दूसरी तरफ 85 साल की पुष्पा मित्तल हैं...एक तरफ मुख्यमंत्री के दावे हैं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के महानगर गाजियाबाद की सड़कों पर मरीज हैं.
अपने जवान बेटे को ऑक्सीजन दिलाने के लिए 65 साल के सिद्दीकी अहमद गुरुद्वारा पहुंचे. बेटा चार दिन से बेहोशी की हालत में है. अब गुरुद्वारे में किसी तरह ऑक्सीजन मिली है. बीते तीन दिन से गुरुद्वारे में ऑक्सीजन के लिए मरीजों का तांता लगा है. सिद्दीकी अहमद ने कहा कि ''चार दिन से बेटा बेहोश है, ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. जो काला बाजारी कर रहे हैं, सरकार को उनको टांगना चाहिए.''
गाजियाबाद के एक बड़े नर्सिंग होम के मालिक डॉ मुकेश अग्रवाल हैं. वे फोन पर अधिकारियों से लगातार रेमडेसिविर दवा और ऑक्सीजन मांग रहे हैं लेकिन उनकी इस मांग को सुनने वाला कोई नहीं है. यहां तक कि वे अस्पताल को हैंडओवर करने की चिट्ठी तक प्रशासन को लिख चुके हैं. चंद्रलक्ष्मी अस्पताल के मालिक डॉ मुकेश अग्रवाल ने कहा कि ''ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं सुधरी है. हम लगातार एंबुलेंस से ऑक्सीजन ला रहे हैं. दवाओं की काला बाजारी हो रही है. रेमडेसिविर कहीं नहीं मिल रही है.''
UP में कोरोना से बिगड़ते हालात को लेकर लाइव शो में रो पड़े सपा नेता नेता आईपी सिंह
कोरोना संक्रमण काल में सरकार की लापरवाहियों की एक लंबी फेहरिस्त है. गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट कई महीनों से खराब पड़ा थी. जब ऑक्सीजन की किल्लत बढ़ने लगी तो इसे सुधारने की कोशिश हो रही है. कोरोना काल में सरकार की नाकामी की यह तस्वीर है.
आगरा में प्राइवेट हास्पिटल में ऑक्सीजन खत्म होने से मचा हाहाकार
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