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6 कुतुबमीनारों से भी ऊंचा... सऊदी बना रहा क्या ऐसा कि गुस्से में हैं मुसलमान

सऊदी अरब इस परियोजना के जरिए अपनी अर्थव्यवस्था का तेजी से आगे बढ़ाना चाहता है. इससे सऊदी में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट से 2030 तक तीन लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर बनेंगे.

6 कुतुबमीनारों से भी ऊंचा... सऊदी बना रहा क्या ऐसा कि गुस्से में हैं मुसलमान
नई दिल्ली:

सऊदी अरब एक ऐसा आधुनिक शहर बना रहा है, जो किसी ख्वाब से कम नहीं होगा. एक ऐसा शहर जो पूरी दुनिया के लिए मिसाल होगा.  "दुनिया का सबसे बड़ा टॉवर" बनने वाली एक अविश्वसनीय गगनचुंबी इमारत का निर्माण शुरू हो गया है, जिसमें 20 एम्पायर स्टेट इमारतें समा सकती हैं. यह "न्यू मुरब्बा" भविष्य के शहर के केंद्र में होगा. इमारत का नक्शा काबा और मक्का से मिलताजुलता है, जिससे मुस्लिम नाराज हैं.

बता दें कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की लीडरशिप में राजधानी रियाद के सेंटर में न्यू मुरब्बा (New Murabba) नाम के हाईटेक सिटी निर्माण करने का फैसला लिया गया. सऊदी अरब का ये प्रोजेक्ट मुकाब एम्पायर स्टेट बिल्डिंग से 20 गुना बड़ा होगा. सऊदी का विजन 2030 तक रियाद में दुनिया का सबसे बड़ा आधुनिक शहर विकसित करना है. इस शहर को कैसे डेवलेप किया जाएगा. इसमें कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी. ये कैसा दिखेगा...आइए आपको बताते हैं.

इस प्रोजेक्ट की खासियत जानते हैं

  1. न्यू मुरब्बा डेवलपमेंट कंपनी इस प्रोजेक्ट का निर्माण करेगी. 
  2. रिपोर्ट के मुताबिक, 19 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में बनने वाली इस नई परियोजना में 104,000 से ज्यादा रेजिडेंशियल यूनिट, नौ हजार होटल रूम और 980,000 वर्गमीटर से ज्यादा रिटेल एरिया होगा. 
  3. इस हाईटेक शहर के बड़े हिस्से में ऑफिस स्पेस विकसित किया जाएगा.
  4.  सऊदी अरब के पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड के मुताबिक, मुकाब 20 एम्पायर स्टेट बिल्डिंग्स को रखने के लिए काफी बड़ा होगा. 
  5. मुकाब का अरबी में मतलब घन (Cube) होता है. 
  6. डेवलपर्स के मुताबिक, यह दुनिया का सबसे बड़ा इनडोर शहर होगा.

अंदर से ऐसा होगा यह हाईटेक शहर

  1. द मुकाब नामक मेगास्ट्रक्चर एक प्रस्तावित क्यूबिकल संरचना है जो तैयार होने पर 1,300 फीट ऊंची और 1,200 फीट चौड़ी होगी - जो दुनिया की सबसे बड़ी इमारत संरचना बन जाएगी.
  2. यह बढ़िया डाइनिंग रेस्तरां, खुदरा और आवासीय रहने सहित सभी आधुनिक विलासिता की पेशकश करेगा.
  3. परियोजना को बड़े पैमाने पर ले जाने के लिए, इमारत की बाहरी दीवारों को आभासी वास्तविकता तकनीक से सुसज्जित किया जाएगा, जो स्थानीय लोगों के आनंद के लिए अद्भुत दृश्यों को प्रतिबिंबित करेगी.
  4. इंटीरियर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा संचालित विशाल होलोग्राफिक प्रक्षेपण होंगे जो दर्शकों को विभिन्न वास्तविकताएं, समय और स्थान दिखाएंगे.


इन सबके अलावा इस बिल्डिंग में कई और खासियतें होंगी. जानकारी के मुताबिक, इस क्यूब की डिजाइन वाले बड़े से शहर की डिजाइन अंदर से ट्रेडिशनल नजदी स्थापत्य स्टाइल से इंस्पायर होगी. देखा जाए तो यह दुनिया का पहला इमर्सिव डेस्टिनेशन होगा. इस शहर में पैदल चलने के लिए हराभरा क्षेत्र होगा. साइकिल चलाने के अलग रास्ते होंगे. यह लाइफस्टाइल को एक्टिव बनाएंगे. इसमें विश्वविद्यालय, इमर्सिव थिएटर और 80 से ज्यादा एंटरटेनमेंट और कल्चरल प्लेस बनाए जाएंगे. इस शहर में ट्रांसपोर्ट का सिस्टम भी काफी हाईटेक होगा. इसे ऐसे डेवलेप किया जाएगा कि आपको एयरपोर्ट सहित कहीं भी आने जाने में 20 मिनट से भी कम का समय लगे.

2030 तक बनाने की तैयारी

सऊदी अरब इस परियोजना के जरिए अपनी अर्थव्यवस्था का तेजी से आगे बढ़ाना चाहता है. इससे सऊदी में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट से वर्ष 2030 तक तीन लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर बनेंगे.

कई लोगों ने की आलोचना

हालाँकि, कई लोगों ने मक्का में काबा के समान होने के कारण इस योजना की आलोचना की है, जिसे इस्लाम का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है. देश के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले साल अपने महत्वाकांक्षी सऊदी विजन 2030 के हिस्से के रूप में इस परियोजना की घोषणा की थी. लेकिन मानवाधिकार समूहों ने बड़े पैमाने पर निर्माण योजनाओं पर कई चिंताएं व्यक्त की हैं - इस आशंका के साथ कि प्रवासी श्रमिकों का शोषण किया जाएगा और कई स्थानीय लोग विस्थापित हो जाएंगे.

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