महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ने जनता से जुड़े दो अहम फैसले लिए हैं. इनमें पहला राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए हैं, इन्हें 29 फरवरी से हफ्ते में 5 दिन की काम करना होगा. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. राज्य में सरकारी, अर्द्धसरकारी और स्थानीय निकायों में 20 लाख से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी हैं. साथ ही मंत्रिमंडल ने यह भी फैसला किया कि ओबीसी, एसईबीसी (सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग), वीजेएनटी (विमुक्त जाति एवं घुमंतू आदिवासियों) एवं विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए राज्य के विभाग अब ‘बहुजन कल्याण विभाग' के नाम से जाने जाएंगे.
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वहीं दूसरा फैसला महाराष्ट्र के कॉलेजों से जुड़ा है.महाराष्ट्र के सभी कॉलेजों में 19 फरवरी से राष्ट्रगान अनिवार्य होगा. राज्य के मंत्री उदय सामंत ने बुधवार को यह जानकारी दी. तकनीकी एवं उच्च शिक्षा मंत्री सामंत ने कहा कि राज्य सरकार एक अधिसूचना जारी कर सभी कॉलेजों को 19 फरवरी (छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती) से अपना काम राष्ट्रगान के साथ शुरू करने के लिये कहेगी. सामंत ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हमने राष्ट्रगान को लेकर कुछ दिन पहले यह फैसला लिया था. फैसले के अनुसार राज्य के कॉलेजों में कामकाज राष्ट्रगान के साथ शुरू होगा."
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मंत्री ने कहा, "कॉलेजों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने का यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है. इसे प्रभावी बनाने को लेकर एक अधिसूचना जारी की जाएगी." बता दें कि पिछले महीने 26 जनवरी को उद्धव सरकार ने स्कूल के स्टूडेंट्स के लिये मॉर्निंग असेंबली के दौरान संविधान की प्रस्तावना पढ़ना अनिवार्य किया था.
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