केंद्र सरकार ने 23 राज्यों में 40 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिस पर करीब 3,295 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी. इन परियोजनाओं का उद्देश्य कम प्रसिद्ध स्थलों को प्रतिष्ठित स्थलों के रूप में विकसित करना तथा देशभर में पर्यटकों के अधिक संतुलित वितरण को बढ़ावा देना है. अधिकारियों ने बताया कि व्यय विभाग के निर्देशों के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय ने प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास के उद्देश्य से पूंजी निवेश को लेकर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि उनकी सरकार पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देती रहेगी.
पीएम मोदी ने इन परियोजनाओं को लेकर कहा, 'पर्यटन में कई लोगों के जीवन में समृद्धि लाने की क्षमता है. हमारी सरकार भारत के पर्यटन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती रहेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिक से अधिक लोग इसके बदलावों का अनुभव कर सकें.'
Tourism has the potential to bring prosperity to the lives of many. Our Government will keep focussing on enhancing India's tourism infrastructure to ensure more people can experience the wonders of #IncredibleIndia. https://t.co/Bnssm1zkwD
— Narendra Modi (@narendramodi) November 29, 2024
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एसएएससीआई के दिशा-निर्देश भेजे हैं और उनसे अनुरोध किया है कि वे परियोजना प्रस्ताव तैयार कर मंत्रालय को प्रस्तुत करें, जो उत्कृष्ट हों और इनसे प्रभावशाली गंतव्यों का निर्माण किया जा सके. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2024 तक 8,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत के कुल 87 परियोजना प्रस्ताव प्राप्त हुए.
मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इसके बाद पर्यटन मंत्रालय ने दिशा-निर्देशों और प्रक्रिया या मानदंडों के अनुरूप 23 राज्यों में 3295.76 करोड़ रुपये की लागत से 40 परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया, जिन्हें अब व्यय विभाग द्वारा मंजूरी दे दी गई है. कुछ चयनित स्थलों में रंग घर, शिवसागर (असम), मत्स्यगंधा झील, सहरसा (बिहार), प्रस्तावित टाउन स्क्वायर, पोरवोरिम (गोवा) और ओरछा (मध्यप्रदेश) शामिल हैं.
मंत्रालय ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य देश में प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के व्यापक विकास और वैश्विक स्तर पर उनकी ‘ब्रांडिंग' और विपणन के लिए राज्यों को 50 वर्षों तक दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना है. राज्यों को परियोजनाएं पूरी करने के लिए दो साल का समय दिया गया है, जबकि धनराशि मार्च 2026 से पहले जारी कर दी जाएगी.
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