पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनन के बाद से राज्य में 37 किसान ये खेती से जुड़े लोग आत्महत्या कर चुके हैं. इनमें से ज्यादातर किसान कर्ज में डूबे में हुए थे. बताया जा रहा है कि यूपी की तरह ही पंजाब सरकार भी राज्य में किसानों के कर्ज माफी का ऐलान कर सकती है. हालांकि इसके लिए बजट का इंतजार करना होगा जो कि 15 जून को पेश किया जाना है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया छपी खबर के मुताबिक पंजाब में कैप्टन सरकार 16 मार्च को आई थी इन दो महीनों में 37 किसान खुदकुशी कर चुके हैं.
वहीं पंजाब के तीन विश्वविद्यालयों एक सर्वे को माने तो 2000 से 2010 के बीच कुल 6,926 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. इनमें से 3,954 किसान और 2,972 खेती से जुड़े मजदूर थे. वहीं इन दो महीनों में मानसा, बठिंडा और बरनाला जिलों में सबसे ज्यादा किसानों की खुदकुशी की घटनाएं हुई हैं. मानसा और बठिंडा में 8, बरनाला में 6 किसानों ने आत्महत्या की है.
किसानों की खुदकुशी की घटनाएं रोकने के लिए सीएम अमरिंदर ने विधानसभा चुनाव के दौरान ही अपील किया था कि लोग थोड़ा समय दें, सत्ता पर वह किसानों की मदद के लिए हर संभव कोशिश करेंगे. उन्होंने नारा भी दिया 'कर्ज कुर्की खत्म, फसल दी पूरी रकम'. उनके इस नारे पर तंज कसते हुए पंजाब के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने कहा है कि अभी तक इस नारे का असर कहीं नहीं दिखाया दिया है.
वहीं पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. विशेषज्ञों की एक टीम किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए उपाय खोज रही है.
फिलहाल उम्मीद की जा रही है कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंद किसानों की हालत में सुधार के लिए जल्द ही कोई फैसला लेंगे ताकि खुदकुशी की इन घटनाओं को रोका जा सके.
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