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This Article is From Apr 13, 2024

सऊदी जेल में बंद केरल के शख्स की रिहाई के लिए 'ब्लड मनी' के तौर पर जुटाए 34 करोड़ रुपए

स्थानीय लोगों ने बताया कि सऊदी अरब (Blood Money) में रहीम को 2006 में एक दिव्यांग लड़के की दुर्घटनावश मृत्यु के बाद जेल में डाल दिया गया था, जिसकी वह देखभाल कर रहा था. लड़के के परिवार द्वारा माफी देने से इनकार करने के बाद 2018 में रहीम को मौत की सजा सुनाई गई थी.

सऊदी जेल में बंद केरल के शख्स की रिहाई के लिए 'ब्लड मनी' के तौर पर जुटाए 34 करोड़ रुपए
सऊदी जेल में बेद कैदी की रिहाई के लिए जुटाए 34 करोड़ रुपए.(प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

सऊदी अरब में मृत्युदंड की सजा पाए केरल के एक व्यक्ति को बचाने के लिए राज्य के लोगों ने चंदा के जरिए 34 करोड़ रुपये जुटाए. एकजुटता प्रदर्शित करते हुए, केरल में लोग कोझिकोड के रहने वाले अब्दुल रहीम को बचाने के लिए एक साथ आए हैं. रहीम को सजा से बचने के लिए ‘ब्लड मनी' (Blood Money For Saudi Prisoner) के तौर पर 18 अप्रैल से पहले करीब 34 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. ‘ब्लड मनी' से मतलब सजा से बचने के लिए पीड़ित के परिवार को धन का भुगतान करना होता है. रहीम 2006 में सऊदी अरब में एक लड़के की हत्या के आरोप में 18 साल से वहां की जेल में बंद है.

18 साल से सऊदी जेल में बंद है अब्दुल रहीम

स्थानीय लोगों ने बताया कि सऊदी अरब में रहीम को 2006 में एक दिव्यांग लड़के की दुर्घटनावश मृत्यु के बाद जेल में डाल दिया गया था, जिसकी वह देखभाल कर रहा था. लड़के के परिवार द्वारा माफी देने से इनकार करने के बाद 2018 में रहीम को मौत की सजा सुनाई गई थी. अब्दुल रहीम ने लड़के की हत्या के आरोप में  सऊदी में 18 साल जेल में बिताए हैं. रहीम के लिए पैसा जुटाने वालों ने शुक्रवार को कहा कि पांच दिन पहले तक, रहीम की रिहाई के लिए सिर्फ मामूली राशि ही जुटाई जा सकी थी, लेकिन जैसे-जैसे अभियान तेज हुआ, केरल के साथ ही दुनिया भर से मदद आने लगी.

अब्दुल की रिहाई के लिए जुटाए 34 करोड़ रुपये

एक्शन कमेटी के सदस्यों ने मीडिया को बताया कि अब्दुल की अपीलों को शीर्ष अदालतों ने खारिज कर दिया था, लेकिन बाद में परिवार इस बात पर सहमत हुआ कि अगर रहीम 'ब्लड मनी' का भुगतान करता है तो उसे माफ कर दिया जाएगा. कमेटी के एक सदस्य ने मीडिया को बताया, "रियाद में 75 से अधिक संगठन, केरल स्थित व्यवसायी बॉबी चेम्मन्नूर, राज्य के विभिन्न राजनीतिक संगठन, आम लोगों ने धन जुटाने में हमारी मदद की." अब्दुल की मां ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इतनी रकम जुटाई जा सकती है. उन्होंने कहा,"मुझे कोई उम्मीद नहीं थी, क्योंकि हमारे पास 34 करोड़ रुपये जुटाने का कोई साधन नहीं था. लेकिन किसी तरह यह सब संभव हो गया." चेम्मनूर ने पैसे जुटाने के लिए पिछले कुछ दिनों में कई कार्यक्रम आयोजित किए. उन्होंने अपने एक प्रॉडक्ट को बेचकर जुटाया गया पैसा दान कर दिया. पैसा जुटाने में पारदर्शिदा सुनिश्चित करने के लिए एक्शन कमेटी ने एक मोबाइल एप्लिकेशन बनाया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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