मणिपुर में हिंसा
इंफाल:
मणिपुर के चुडाचंदपुर जिले में मंगलवार को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई। इसके साथ यहां हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई। हालात को देखते हुए प्रशासन ने बीती रात अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया था।
पुलिस ने कहा कि उसने चुडाचंदपुर थाने पर हमला करने वाली भीड़ पर गोली चलाई, जिसमें तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार मारे गए दो लोगों की उम्र 30 साल के आसपास है, जबकि तीसरा 10 साल का लड़का है। गोलीबारी में चार लोग घायल हुए हैं। हिंसा में घायलों की संख्या 31 हो गई है। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राज्य में हिंसा के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह से बात की। मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को राज्य के हालात के बारे में जानकारी दी। गृह मंत्री ने इबोबी सिंह को भरोसा दिलाया कि केंद्र स्थिति से निपटने के लिए पूरी मदद मुहैया कराएगा।
मणिपुर विधानसभा में कल तीन विवादास्पद विधेयकों को पारित किए जाने के बाद आदिवासी छात्र संगठनों द्वारा 12 घंटे के बंद के आह्वान के दौरान चुडाचंदपुर में भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 27 अन्य घायल हुए थे।
मणिपुर में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा और आगजनी के बाद चुडाचंदपुर शहर में कल देर रात तीन शव मिले थे जिन्हें गोली लगी हुई थी, जबकि एक जला हुआ शव हेंगलेप के विधायक मंगा वेईफेई के आवास के मलबे से आज सुबह मिला। उन्होंने बताया कि बाद में एक और शव मिला। कल कस्बे में कर्फ्यू लगाया गया था जो फिर से हिंसा फैलने की खबरों के बीच आज भी लागू रहा।
पुलिस के अनुसार बाहरी मणिपुर लोकसभा सीट के सांसद थांगसो बेत, राज्य के परिवार कल्याण मंत्री फुंगजाफांग तोनसीम, हेंगलेप विधानसभा क्षेत्र के विधायक मंगा वेईफेई और थानलोम के वुनगजागीन सहित पांच विधायकों के मकान कल शाम आग के हवाले कर दिए गए।
चुडाचंदपुर जिला अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि कल 20 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिनमें से सात को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
विधेयक बने विवाद का कारण
छात्र संगठनों के कार्यकर्ता कल विधानसभा में तीन विधेयक पारित होने के खिलाफ विरोध कर रहे थे जो मणिपुर में स्थानीय लोगों के संरक्षण के लिहाज से पारित किए गए हैं। विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों में ‘मणिपुर के लोगों का संरक्षण विधेयक 2015’, ‘मणिपुर भूमि राजस्व और भू सुधार ( सातवां संशोधन) विधेयक 2015’ और ‘मणिपुर दुकान एवं प्रतिष्ठान (दूसरा संशोधन) विधेयक 2015 ’ शामिल हैं।
पुलिस ने कहा कि उसने चुडाचंदपुर थाने पर हमला करने वाली भीड़ पर गोली चलाई, जिसमें तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार मारे गए दो लोगों की उम्र 30 साल के आसपास है, जबकि तीसरा 10 साल का लड़का है। गोलीबारी में चार लोग घायल हुए हैं। हिंसा में घायलों की संख्या 31 हो गई है। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राज्य में हिंसा के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह से बात की। मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को राज्य के हालात के बारे में जानकारी दी। गृह मंत्री ने इबोबी सिंह को भरोसा दिलाया कि केंद्र स्थिति से निपटने के लिए पूरी मदद मुहैया कराएगा।
मणिपुर विधानसभा में कल तीन विवादास्पद विधेयकों को पारित किए जाने के बाद आदिवासी छात्र संगठनों द्वारा 12 घंटे के बंद के आह्वान के दौरान चुडाचंदपुर में भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 27 अन्य घायल हुए थे।
मणिपुर में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा और आगजनी के बाद चुडाचंदपुर शहर में कल देर रात तीन शव मिले थे जिन्हें गोली लगी हुई थी, जबकि एक जला हुआ शव हेंगलेप के विधायक मंगा वेईफेई के आवास के मलबे से आज सुबह मिला। उन्होंने बताया कि बाद में एक और शव मिला। कल कस्बे में कर्फ्यू लगाया गया था जो फिर से हिंसा फैलने की खबरों के बीच आज भी लागू रहा।
पुलिस के अनुसार बाहरी मणिपुर लोकसभा सीट के सांसद थांगसो बेत, राज्य के परिवार कल्याण मंत्री फुंगजाफांग तोनसीम, हेंगलेप विधानसभा क्षेत्र के विधायक मंगा वेईफेई और थानलोम के वुनगजागीन सहित पांच विधायकों के मकान कल शाम आग के हवाले कर दिए गए।
चुडाचंदपुर जिला अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि कल 20 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिनमें से सात को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
विधेयक बने विवाद का कारण
छात्र संगठनों के कार्यकर्ता कल विधानसभा में तीन विधेयक पारित होने के खिलाफ विरोध कर रहे थे जो मणिपुर में स्थानीय लोगों के संरक्षण के लिहाज से पारित किए गए हैं। विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों में ‘मणिपुर के लोगों का संरक्षण विधेयक 2015’, ‘मणिपुर भूमि राजस्व और भू सुधार ( सातवां संशोधन) विधेयक 2015’ और ‘मणिपुर दुकान एवं प्रतिष्ठान (दूसरा संशोधन) विधेयक 2015 ’ शामिल हैं।
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