विज्ञापन
This Article is From Mar 20, 2013

20 साल बाद मिलेगा इंसाफ, होगा संजय दत्त के भाग्य का फैसला

1993 को मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फ़ैसला सुनाएगा। इस फ़ैसले से संजय दत्त की किस्मत का भी फ़ैसला होगा कि वह रिहा होते हैं या फिर जेल जाते हैं।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली: 1993 को मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फ़ैसला सुनाएगा। इस फ़ैसले से संजय दत्त की किस्मत का भी फ़ैसला होगा कि वह रिहा होते हैं या फिर जेल जाते हैं।

इसके अलावा टाडा कोर्ट ने अक्टूबर 2006 में 11 लोगों को फांसी की सज़ा और 22 लोगों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी। इस मामले के बाकी आरोपियों को तीन से 10 साल तक की सज़ा सुनाई गई थी।

12 मार्च 1993 को मुंबई में एक के बाद एक कुल 12 बम धमाके हुए थे जिनमें 257 लोगों की मौत हुई थी और 713 लोग घायल हुए थे। इन धमाकों में 27 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुक़सान पहुंचा था।

मुंबई की टाडा अदालत ने संजय दत्त को शस्त्र कानून के तहत छह साल की कैद की सजा सुनाई थी।

संजय दत्त पहले ही 18 महीने जेल में गुजार चुके हैं और यदि शीर्ष अदालत ने टाडा अदालत के फैसले की पुष्टि कर दी तो फिर उन्हें शेष अवधि के लिए फिर जेल जाना पड़ेगा।

टाडा अदालत ने संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके 56 राइफल रखने के जुर्म में नवंबर, 2006 में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। लेकिन अदालत ने उन्हें टाडा कानून के तहत आपराधिक साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप से बरी कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने इन तमाम अपीलों पर एक नवंबर 2011 से अगस्त 2012 के दौरान दस महीने तक सुनवाई की थी।

इन अपीलों पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस मामले के भारी भरकम दस्तावेजों और वकीलों की लिखित दलीलों के मद्देनजर पहली बार लैपटॉप का इस्तेमाल किया था।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
अभिनेता, संजय दत्त, मुंबई विस्फोट, 1993 Mumbai Blasts, Supreme Court's Verdict, Sanjay Dutt
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com