रक्षामंत्री अरुण जेटली ने आज बताया कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान की ओर से जम्मू कश्मीर में 19 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया है और हर बार भारतीय पक्ष ने समुचित जवाबी कार्रवाई की है।
राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान अरुण जेटली ने कहा 'हमारे सिर झुके नहीं हैं... यह सरकार सिर झुकने भी नहीं देगी।'
जेटली ने यह बात सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के पूरक प्रश्न के जवाब में कही। आजाद ने कहा था कि प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी तत्कालीन यूपीए सरकार पर 'कमजोर' होने का आरोप लगाते थे। उन्होंने कहा कि लेकिन अब सरकार क्यों पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन के आगे सिर झुका रही है।
रक्षामंत्री ने कहा कि इस साल 16 जुलाई तक जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर और अंतरराष्ट्रीय सीमा में संघर्ष विराम उल्लंघन की 54 घटनाएं हुई हैं। उन्होंने बताया कि 26 मई से 17 जुलाई के बीच जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर और अंतरराष्ट्रीय सीमा में 19 बार संघर्ष विराम उल्लंघन किया गया और भारतीय पक्ष ने हर बार समुचित जवाबी कार्रवाई की।
उन्होंने राजकुमार धूत के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं को स्थापित प्रक्रियाओं जैसे हॉटलाइन व्यवस्था, फ्लैग मीटिंग आदि के जरिये समुचित स्तर पर पाकिस्तान के संबद्ध प्राधिकारियों के समक्ष उठाया जाता है।
जेटली ने कहा कि 27 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के अपने समकक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात के दौरान सीमा पर संघर्षविराम के महत्व पर जोर दिया था।
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