
- प्रवर्तन निदेशालय ने 1600 करोड़ से अधिक के निवेश घोटाले में नौ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
- जियाजुर रहमान नामक मास्टरमाइंड ने SEBI में पंजीकृत कंपनी के नाम पर फंसाकर निवेशकों से ठगी की.
- आरोपियों ने मोटे मुनाफे का लालच देकर निवेशकों के पैसे UAE में हवाला के जरिए भेजकर संपत्तियां और कंपनी खरीदीं.
निवेश के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. प्रवर्तन निदेशालय की कोलकाता ज़ोनल टीम ने 1600 करोड़ रुपये से ज़्यादा की ठगी के मामले में 9 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. यह चार्जशीट 19 जुलाई को PMLA की विशेष अदालत, बिचार भवन, कोलकाता में दाखिल की गई. कोर्ट ने सभी आरोपियों को प्री-कॉग्निजेंस नोटिस जारी किया है.
ठगी का मास्टरमाइंड जियाजुर रहमान
इस मामले का मास्टरमाइंड सैयद जियाजुर रहमान है, जो LFS Broking Pvt. Ltd. नाम की एक कंपनी का संचालन करता था. यह कंपनी SEBI में पंजीकृत थी, लेकिन इसी नाम से मिलती-जुलती कई दूसरी कंपनियां भी बनाई गईं और आम लोगों को गुमराह कर उनके पैसे निवेश के नाम पर ठग लिए गए.
मोटे मुनाफे का लालच देकर लोगों को फंसाते थे
आरोपियों ने निवेशकों को मोटे मुनाफे का झांसा देकर पैसे जुटाए. ये रकम असली कंपनी में न लगाकर फर्जी कंपनियों जैसे LFS Broking, PMS Services आदि में डाली गई. फिर इन पैसों को कंपनियों और बैंक खातों के जाल के ज़रिए घुमा-फिराकर UAE (संयुक्त अरब अमीरात) तक हवाला के ज़रिए भेजा गया.
जियाजुर सहित 6 आरोपी गिरफ्तार
अब तक ED ने इस केस में सैयद जियाजुर रहमान समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अन्य गिरफ्तार आरोपियों में अनरुल इस्लाम, सिशिर कोले, मृणाल कांति पात्रा, दिलीप कुमार मैती और बादल चंद्र संत्रा शामिल हैं. सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
250 से अधिक संपत्तियों की पहचान, कई खाते फ्रीज
ED ने पहले भी LFS Broking Pvt. Ltd. और उससे जुड़े लोगों के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें कई बैंक खाते फ्रीज़ किए गए और 250 से अधिक संपत्तियों की पहचान की गई जिनमें होटल, रिसॉर्ट और अन्य अचल संपत्तियां शामिल हैं. फिलहाल मामले की जांच जारी है. ED की इस कार्रवाई को निवेश फ्रॉड के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है.
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