उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक 14 साल की लड़की ने स्कूल में टीचर की प्रताड़ना और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्रा 10वीं में पढ़ती थी. बताया जा रहा है कि वह गरीब परिवार से थी और स्कूल की फीस भरने में उसे दिक्कत आ रही थी. इसे लेकर दो टीचर उसे गरीब और जातिवाद के ताने देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही थी. सुसाइड नोट में छात्रा ने स्कूल की दो टीचर पर बार-बार जाति को लेकर आपत्तिजनक शब्द कहने और प्रताड़ित किए जाने से दुखी होकर जान देने का जिक्र किया है. छात्रा की मां की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
बताया जा रहा है कि मामला 4 अगस्त का है. पुलिस ने बुधवार को इस मामले में दो आरोपी टीचर के खिलाफ केस दर्ज किया. रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा के पिता की कई साल पहले मौत हो चुकी है. छात्रा की मां किसी तरह अपनी दो बेटियों को पढ़ा रही थी. बड़ी बहन के साथ हुए इस हादसे के बाद छोटी बहन ने भी स्कूल जाना छोड़ दिया है. टीचरों के इस भेदभाव के बाद मृत छात्रा की मां काफी हताश है. उन्होंने कार्रवाई को लेकर नगर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद उन्होंने एसपी से मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद पुलिस ने दो टीचरों के खिलाफ केस दर्ज किया.
छात्रा की मां ने एसपी को बताया कि 4 अगस्त को उनकी बेटी को प्रताड़ित करते हुए क्लास से बाहर खड़ा कर दिया गया. उसी दिन घर आकर उनकी बेटी ने फांसी लगाकर जान दे दी. उसने सुसाइड नोट में जाति सूचक शब्दों से तंग आकर जान देने की बात लिखी है. उन्होंने बताया कि स्कूल के टीचर तौहीद ने उनकी बेटी को बदनाम करने की भी कोशिश की. टीचर तौहीद ने झूठा आरोप लगाया कि उनकी बेटी ने किसी लड़के दोस्त की वजह से जान दी है.
इस मामले में एसपी दिनेश कुमार सिंह ने शहर कोतवाली पुलिस को फटकार लगाई. जिसके बाद पुलिस एक्टिव हुई. कोतवाल संजय मौर्य ने बताया कि टीचर वस्फी खातून और टीचर तौहीद के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है. फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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