पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक आईकैंप में इलाज के बाद 14 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है, जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं। इस कैंप में करीब 50-60 लोगों ने इलाज करवाया था।
इस मामले में पुलिस ने कथित रूप से ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर को आज गिरफ्तार कर लिया और साथ ही इस संबंध में एक निजी अस्पताल और मथुरा स्थित एक गैर सरकारी संगठन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस बारे में कहा है कि हमने इस मामले को लेकर पंजाब सरकार से रिपोर्ट तलब की है, उन्हें जो भी मदद चाहिए, वह केंद्र मुहैया कराएगा।
वहीं मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और सिविल सर्जनों की पूर्वानुमति के बिना स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इस संबंध में अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर रवि भगत ने बताया कि जिन लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी खोई है, वे सभी 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं। ये अमृतसर के अजनाला में आने वाले गागो महल गांव के हैं। इन सभी को अमृतसर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह कैंप एक एनजीओ गुरुनानक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए गुरदासपुर जिले में लगाया गया था।
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