पटना:
बिहार की राजधानी पटना के गंगा नदी के तट पर छठव्रतियों के लिए अदालतगंज घाट पर अस्थायी रूप से बना चचरी पुल के टूट जाने से सोमवार शाम नौ बच्चों सहित 14 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
पुलिस के अनुसार अदालत घाट के पास से गंगा की धारा के दूर हो जाने के कारण प्रशासन द्वारा बांस का चचरी पुल बनाया गया था। शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देकर जब हजारों छठव्रती लौट रहे थे, तभी भारी भीड़ के कारण चचरी पुल टूट गया जिससे भगदड़ मच गई।
पटना के पुलिस अधीक्षक (नगर) जयकांत ने बताया कि थोड़ी देर के लिए बिजली गुल हो गई थी जिस कारण भगदड़ मच गई और इसी दौरान पुल टूट गया। पुल टूटने और भगदड़ मचने से अब तक मिली सूचना के मुताबिक 14 लोगों की मौत हो गई है जिसमें नौ बच्चे बताए जा रहे हैं।
घटना के बाद लोगों में अफरा-तफरी मची हुई है। सैकड़ों लोग घटनास्थल और अस्पतालों में अपने परिजनों को खोजने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। घटनास्थल पर पुलिस महानिदेशक अभयानंद भी पहुंच गए हैं। घायलों को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) तथा पटना के अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है।
इस बीच, डॉक्टरों की कमी देख आक्रोशित लोगों ने पीएमसीएच में हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की। पीएमसीएच में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है।
पीएमसीएच में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद रामकृपाल यादव और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बदइंतजामी की पोल खुल गई है। सरकार पूरी तरह फेल हो गई है। सरकार कहती रही कि सारी व्यवस्था हो गई है लेकिन पुल की मजबूती का ध्यान नहीं रखे जाने से यह दुखद घटना हो गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर दुख प्रकट करते हुए लोगों से धैर्य रखने की अपील की है। उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को आपदा प्रबंधन कोष से डेढ़-डेढ़ लाख रुपये तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने घायल लोगों को बेहतर इलाज कराने का निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग के सचिव व्यास जी को दिया है।
पुलिस के अनुसार अदालत घाट के पास से गंगा की धारा के दूर हो जाने के कारण प्रशासन द्वारा बांस का चचरी पुल बनाया गया था। शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देकर जब हजारों छठव्रती लौट रहे थे, तभी भारी भीड़ के कारण चचरी पुल टूट गया जिससे भगदड़ मच गई।
पटना के पुलिस अधीक्षक (नगर) जयकांत ने बताया कि थोड़ी देर के लिए बिजली गुल हो गई थी जिस कारण भगदड़ मच गई और इसी दौरान पुल टूट गया। पुल टूटने और भगदड़ मचने से अब तक मिली सूचना के मुताबिक 14 लोगों की मौत हो गई है जिसमें नौ बच्चे बताए जा रहे हैं।
घटना के बाद लोगों में अफरा-तफरी मची हुई है। सैकड़ों लोग घटनास्थल और अस्पतालों में अपने परिजनों को खोजने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। घटनास्थल पर पुलिस महानिदेशक अभयानंद भी पहुंच गए हैं। घायलों को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) तथा पटना के अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है।
इस बीच, डॉक्टरों की कमी देख आक्रोशित लोगों ने पीएमसीएच में हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की। पीएमसीएच में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है।
पीएमसीएच में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद रामकृपाल यादव और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बदइंतजामी की पोल खुल गई है। सरकार पूरी तरह फेल हो गई है। सरकार कहती रही कि सारी व्यवस्था हो गई है लेकिन पुल की मजबूती का ध्यान नहीं रखे जाने से यह दुखद घटना हो गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर दुख प्रकट करते हुए लोगों से धैर्य रखने की अपील की है। उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को आपदा प्रबंधन कोष से डेढ़-डेढ़ लाख रुपये तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने घायल लोगों को बेहतर इलाज कराने का निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग के सचिव व्यास जी को दिया है।
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