कर्नाटक के बाढ़ग्रस्त इलाके में एक 12 साल के लड़के ने बहादुरी की जबरदस्त मिसाल पेश की है. बाढ़ में डूबे रास्ते पर एक एंबुलेंस को रास्ता दिखाने के बाद यह लड़का लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. रायचूर जिले के हीरेरायनकुंपी गांव के रहने वाले इस बच्चे ने एक ऐम्बुलेंस को रास्ता दिखाने के लिए पानी की तेज धार की परवाह भी नहीं की. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय ऐम्बुलेंस में 6 बच्चों समेत एक मृत महिला का शव भी था. 12 साल के बच्चे वेंकटेश की इस बहादुरी पर प्रशासन ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
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इस बच्चे की पहचान वेंकटेश के रुप में हुई है. वेंकटेश ने एक एंबुलेंस को उस वक्त रास्ता दिखाया, जब उसे एक पुल से गुजरना था. बाढ़ की वजह से पुल पूरी तरीके से डूब चुका था. ड्राइवर के लिए पुल की सटीक स्थिति और पानी की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा था. उस वक्त वेंकटेश वहां आस-पास ही खेल रहा था. एंबुलेंस को असमंजस की स्थिति में देखकर उसने मदद करने का फैसला किया.
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इस घटना को वहां मौजूद किसी शख्स ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया. वीडियो में नजर आ रहा है कि किस तरह वेंकटेश एंबुलेंस को रास्ता दिखा रहा था. रास्ता दिखाने के दौरान वेंकटेश कई बार लड़खड़ाता हुआ भी नजर आ रहा है. वेंकटेश को इस तरह रास्ता दिखाते हुए देखकर गांव के लोग भी किनारे पर आकर खड़े हो गए और वेंकटेश की हौसला-अफजाई करने लगे. वेंकटेश ने किनारे आने के बाद एंबुलेंस भी पानी से बाहर निकली और अस्पताल के रास्ते पर चल पड़ी. ऐम्बुलेंस में 6 बच्चों समेत एक मृत महिला का शव भी था.
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बता दें कि कर्नाटक में अब तक बाढ़ से 60 लोगों की जान जा चुकी है. बाढ़ से 22 जिलों के 7 लाख लोग प्रभावित हैं. राज्य सरकार ने पीड़ितों के लिए 1000 से ज्यादा राहत शिविर बनाए हैं.
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