दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है. इन सबके बीच भारत में भी सतर्कता बरती जा रही है. देश के अलग-अलग एयरपोर्टों पर विदेश से आने वाले लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर भी कोरोना टेस्टिंग का कार्य जोरों पर है. जांच के दौरान कई लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. लेकिन इन सबके बीच कोरोना प्रोटोकॉल कुछ लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. विदेश से आए एक परिवार ने अपनी परेशानियों को एनडीटीवी से साझा किया.
आदर्श मिश्रा अपने परिवार के साथ यूके से क्रिसमस और नया साल मनाने भारत आए थे. आदर्श मिश्रा की 11 साल की बेटी इशिता ने जब यूके में अपना कोरोना जांच कराया था तो उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. पर 22 दिसंबर को आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरने के बाद जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. लेकिन इस बीच इस परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
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रामलीला मैदान में बने कोविड सेंटर में उन्हें भेजा गया, जहां पर टेंट में हल्की नमी के साथ ठंड थी. यहां पिता और बेटी को छह घंटे इंतजार करना पड़ा. वह परेशान होते रहे. हालांकि, मिश्रा ने एनडीटीवी से कहा कि वहां मौजूद डॉक्टरों, नर्सों और अन्य लोगों ने उन परिस्थितियों में भी अच्छा काम किया. असली समस्या नीतियों पर "स्पष्टता की कमी" है. उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि हम कब इस स्थान को छोड़ रहे हैं.
उनकी योजना देश में 10-12 दिन बिताने की थी. कुछ लोगों ने बताया कि बिना 14 दिन के क्वारिंटिन का समय पूरा किए बिना उनकों यहां से जाने की अनुमति नहीं मिलेगी. एनडीटीवी से ऋषिका मिश्रा ने बताया कि मैं बहुत परेशान महसूस कर रही हूं. अपनी मां और भाइयों को याद कर रही हूं. मुझे नहीं पता कि मैं घर कब जा पाऊंगी.
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