गाय तस्करी के मामले में बलिया में एक व्यक्ति की मौत हो गई
बलिया:
उत्तरप्रदेश के बलिया में शुक्रवार को गाय की तस्करी के कथित मामले में पुलिस और बीजेपी नेता तथा उनके समर्थकों के बीच मुठभेड़ में एक आदमी की मौत हो गई और कुछ लोग घायल हुए. हुआ यूं कि पुलिस ने बलिया से एक छोटा ट्रक बरामद किया जिसमें सात गायें कहीं ले जाई जा रही थीं. पुलिस का कहना है कि ट्रक का कागज़ात सही नहीं थे और गाय को ले जाने से सबंधित आदेश का उचित पेपर भी नहीं था. पुलिस का दावा है कि जब गाड़ी को जब्त किया गया, उस दौरान ट्रक ड्राइवर भाग गया जिसके बाद गायों को पुलिस थाने ले जाया गया.
इसके ठीक बाद बीजेपी विधायक उपेंद्र तिवारी अपने समर्थकों के साथ गायों को छोड़ने की मांग लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचे. तिवारी का दावा था कि विनोद यादव नाम के एक गांववाले ने स्थानीय मेले से जानवरों को खरीदा था और इन्हें ले जाने के लिए उसके पास तमाम कानूनी दस्तावेज़ मौजूद थे. पुलिस के दावे के उलट तिवारी का कहना था कि पुलिस ने ट्रक जब्त करने के बाद ड्राइवर को मारा पीटा और उससे पचास हज़ार रुपए भी छीन लिए.
टीयर गैस का इस्तेमाल
तिवारी का आरोप है कि 'ड्राइवर के मुझसे संपर्क करने के बाद मैं पुलिस थाने गया और वहां मौजूद अफसर ने कहा कि वह मुझे भी सबक सिखाएगा. साथ ही सही कागज़ात दिखाने के बावजूद उसने ट्रक और जानवरों को छोड़ने से मना कर दिया.' इसी वजह से दोनों पार्टियों के बीच मुठभेड़ हुई और पुलिस ने कथित तौर पर लाठीचार्ज और टीयर गैस का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि तिवारी के समर्थक विनोद राय को पुलिस की गोली लगी है, हालांकि पुलिस ने सभी आरोपों से इंकार किया है.
पुलिस अधिकारी मनोज कुमार झा कहते हैं 'पुलिसकर्मियों को पत्थरों से मारा गया इसलिए लाठी चार्ज का सहारा लेना पड़ा. हम सही कागज़ात दिखाए जाने पर गायों को उनके हवाले करने के लिए तैयार थे लेकिन वह ऐसा करते दिखाई नहीं दिए.' बलिया में हालात पर काबू पाने के लिए अन्य जिलों से अतिरिक्त बल भेजा गया है लेकिन पुलिस का कहना है कि परिस्थिति काबू में है.
इसके ठीक बाद बीजेपी विधायक उपेंद्र तिवारी अपने समर्थकों के साथ गायों को छोड़ने की मांग लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचे. तिवारी का दावा था कि विनोद यादव नाम के एक गांववाले ने स्थानीय मेले से जानवरों को खरीदा था और इन्हें ले जाने के लिए उसके पास तमाम कानूनी दस्तावेज़ मौजूद थे. पुलिस के दावे के उलट तिवारी का कहना था कि पुलिस ने ट्रक जब्त करने के बाद ड्राइवर को मारा पीटा और उससे पचास हज़ार रुपए भी छीन लिए.
टीयर गैस का इस्तेमाल
तिवारी का आरोप है कि 'ड्राइवर के मुझसे संपर्क करने के बाद मैं पुलिस थाने गया और वहां मौजूद अफसर ने कहा कि वह मुझे भी सबक सिखाएगा. साथ ही सही कागज़ात दिखाने के बावजूद उसने ट्रक और जानवरों को छोड़ने से मना कर दिया.' इसी वजह से दोनों पार्टियों के बीच मुठभेड़ हुई और पुलिस ने कथित तौर पर लाठीचार्ज और टीयर गैस का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि तिवारी के समर्थक विनोद राय को पुलिस की गोली लगी है, हालांकि पुलिस ने सभी आरोपों से इंकार किया है.
पुलिस अधिकारी मनोज कुमार झा कहते हैं 'पुलिसकर्मियों को पत्थरों से मारा गया इसलिए लाठी चार्ज का सहारा लेना पड़ा. हम सही कागज़ात दिखाए जाने पर गायों को उनके हवाले करने के लिए तैयार थे लेकिन वह ऐसा करते दिखाई नहीं दिए.' बलिया में हालात पर काबू पाने के लिए अन्य जिलों से अतिरिक्त बल भेजा गया है लेकिन पुलिस का कहना है कि परिस्थिति काबू में है.
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