यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर 11 मार्च तक ED की हिरासत में, जांच के घेरे में 2000 करोड़ का निवेश और दर्जनों मुखौटा कंपनियां

धन शोधन मामले में गिरफ्तार यस बैंक (Yes Bank) के संस्थापक राणा कपूर (Rana Kapoor) को मुंबई की एक अदालत ने रविवार को 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया है.

यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर 11 मार्च तक ED की हिरासत में, जांच के घेरे में 2000 करोड़ का निवेश और दर्जनों मुखौटा कंपनियां

राणा कपूर यस बैंक के संस्थापक हैं. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • यस बैंक के संस्थापक हैं राणा कपूर
  • शनिवार रात ED ने किया था गिरफ्तार
  • 11 मार्च तक हिरासत में भेजे गए कपूर
नई दिल्ली:

धन शोधन मामले में गिरफ्तार यस बैंक (Yes Bank) के संस्थापक राणा कपूर (Rana Kapoor) को मुंबई की एक अदालत ने रविवार को 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया है. अधिकारियों ने कहा कि ED ने 62 वर्षीय कपूर को धन शोधन निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत रविवार तड़के करीब तीन बजे गिरफ्तार किया क्योंकि वह कथित तौर पर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. ED ने कपूर को यहां एक अवकाश अदालत के समक्ष पेश किया, जिसने उसे 11 मार्च तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया.

ED ने कहा कि कपूर के परिवार द्वारा संचालित कुछ कंपनियों की भूमिका स्थापित किए जाने और इन सभी लोगों का आरोपी से आमना-सामना कराए जाने की जरूरत है. बचाव पक्ष के वकील ने हालांकि कहा कि कपूर को ED ने चुनकर निशाना बनाया है, जबकि वह जांच एजेंसी से सहयोग कर रहे हैं. कपूर को निजी बैंक के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितता और कुप्रबंधन के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था और भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार ने इसके कामकाज को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं.

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बताते चलें कि ED की यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ जांच में 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश, 44 महंगी पेटिंग और एक दर्जन से कथित मुखौटा कंपनियां केंद्र में हैं. अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी को कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जो बताते हैं कि कपूर परिवार की लंदन में कुछ संपत्ति है. अब उस संपत्ति की खरीद के लिये इस्तेमाल हुए कोष के स्रोत की जांच की जा रही है. ईडी एक कंपनी द्वारा कथित रूप से प्राप्त 600 करोड़ रुपये के कोष के मामले में कपूर, उनकी पत्नी तथा तीन बेटियों के खिलाफ जांच कर रहा है. जिस कंपनी को यह राशि मिली, उसका नियंत्रण कथित रूप से उनके द्वारा नियंत्रित थी. कंपनी को यह राशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (DHFL) से जुड़ी इकाई से मिली थी.

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कपूर से जुड़ी कंपनी डीओआईटी अरबन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लि. कथित रूप से यह कोष प्राप्त किया. यह कोष उस समय प्राप्त किया गया जब 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज डीएचएफएल को दिया गया था. डीएचएफएल के खिलाफ कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जांच जारी है. सूत्रों के अनुसार, बैंक ने फंसे कर्ज (NPA) की वसूली को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की. एजेंसी को संदेह है कि 600 करोड़ रुपये का कोष कथित रिश्वत का हिस्सा हो सकता है. यह राशि एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने के लिए उस कंपनी को मिली जिसका नियंत्रण कपूर परिवार के पास था. अधिकारियों ने कहा कि ईडी छापे के दौरान मिली अपराध की राशि पर ध्यान दे रही है.

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छापेमारी के दौरान राणा कपूर उनकी पत्नी बिंदु तथा तीनों बेटियों के निवास की तलाशी ली. जांच के दौरान परिवार द्वारा 2,000 करोड़ रुपये का निवेश तथा एक दर्जन से अधिक मुखौटा कंपनियों के बारे में जानकारी मिली. इन मुखौटा कंपनियों का उपयोग कथित रिश्वत की हेराफेरी के लिए किया जाता था. इसके अलावा परिवार के पास 44 महंगी पेंटिंग भी मिली हैं. इनमें से कुछ पेंटिंग कथित तौर पर राजनेताओं से खरीदा गया. मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत यस बैंक के पूर्व प्रमुख 62 साल के कपूर को बेलार्ड एस्टेट में ईडी के कार्यालय में कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया. केंद्रीय एजेंसी ने कपूर के आवास पर शुक्रवार रात को छापा मारा था. उसके बाद 20 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.

VIDEO: यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को ED ने किया गिरफ्तार

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)