याकूब मेमन (फाइल फोटो)
नागपुर:
मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को नागपुर केंद्रीय कारागार में सुबह फांसी दे दी गई है। पोस्टमार्टम के बाद याकूब का शव परिवार को सौंप दिया गया है। याकूब के परिजन उसके शव को नागपुर से मुंबई और फिर माहिम लेकर आए हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज तड़के अभूतपूर्व सुनवाई के बाद मौत के फरमान पर रोक लगाने की मांग करने वाली याकूब के वकीलों द्वारा पेश अंतिम याचिकाऔ खारिज किए जाने के करीब दो घंटे बाद उसे फांसी दे दी गई।
बीती रात याकूब मेमन के भाई सुलेमान को नागपुर के होटल में गोपनीय चिट्ठी दी गई। होटल के मैनेजर ने एनडीटीवी को बताया कि चिट्ठी में उन्होंने 6.00-6.30 बजे का समय देखा है। यह समय क्यों दिया गया है, उन्हें नहीं मालूम, लेकिन उन्होंने बताया कि याकूब के भाई सुलेमान को चिट्ठी सौंपने के साथ ही सिपाही ने चिट्ठी पढ़ने के लिए कहा। सुलेमान ने चिट्ठी को पढ़ने से यह कहकर इनकार कर दिया कि वह जानता है कि उसमें क्या है।
जानकारी के अनुसार, नागपुर में जेल प्रशासन की नजरें दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर थी। जैसे ही फैसला आया जेल प्रशासन ने फांसी की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। मेमन का आज जन्मदिवस भी है।
आइए जानें, इस मामले से जुड़े सिलसिलेवार सभी अपडेट-
1- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मेमन की ओर से बुधवार को भेजी गई दया याचिका खारिज कर दी।
2- सामाजिक कार्यकर्ता और मेमन के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को नियमों का हवाला दिया कि एक बार जब दया याचिका खारिज कर दी जाती है तब कैदी को 14 दिनों तक फांसी पर चढ़ाया नहीं जा सकता।
3- सुप्रीम कोर्ट के जजों ने सरकार की इस दलील को स्वीकार किया कि अपनी सजा को चुनौती देने के लिए उसके पास 'पहले काफी समय' था।
4- कोर्ट ने सरकार की यह दलील स्वीकार की कि मेमन के भाई द्वारा पिछले साल दी गई दया याचिका रिजेक्ट कर दी गई थी और उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
5- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार यानी कल मेमन की फांसी पर रोक लगाने से कहते हुए इनकार कर दिया था। याकूब की ओर दावा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने मौत की सजा को लेकर सही प्रक्रिया का पालन किया।
6- आधी रात को मेमन पर आपातकालीन याचिका पर सुनवाई करने वाले वे ही तीनों जज थे, जिन्होंने दिन में उसके खिलाफ फैसला दिया था।
7- मेमन को 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट पर वित्तीय सहायता देने का दोष साबित हुआ था। इन बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी।
8- मेमन का भाई टाइगर और दाऊद इब्राहिम, जो इन बम धमाकों के मास्टरमाइंड थे, अब भी लापता हैं।
9- मेमन के दावे को सपोर्ट करने वालों का कहना था कि मेमन ने जांचकर्ताओं को बेहद अहम जानकारियां दी थीं, जिनसे ब्लास्ट केस में दोष साबित करने में महत्वपूर्ण मदद मिली। उसके दो भाइयों को उम्रकैद दी गई है।
10- 1993 में मुंबई बम धमाकों के बाद वह तुरंत देश से बाहर निकल गया था। वह साल भर बाद वापस आया। जांचकर्ताओं ने इस बात से इनकार किया कि उससे किसी तरह की गुप्त याचिका पर बातचीत चल रही थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज तड़के अभूतपूर्व सुनवाई के बाद मौत के फरमान पर रोक लगाने की मांग करने वाली याकूब के वकीलों द्वारा पेश अंतिम याचिकाऔ खारिज किए जाने के करीब दो घंटे बाद उसे फांसी दे दी गई।
बीती रात याकूब मेमन के भाई सुलेमान को नागपुर के होटल में गोपनीय चिट्ठी दी गई। होटल के मैनेजर ने एनडीटीवी को बताया कि चिट्ठी में उन्होंने 6.00-6.30 बजे का समय देखा है। यह समय क्यों दिया गया है, उन्हें नहीं मालूम, लेकिन उन्होंने बताया कि याकूब के भाई सुलेमान को चिट्ठी सौंपने के साथ ही सिपाही ने चिट्ठी पढ़ने के लिए कहा। सुलेमान ने चिट्ठी को पढ़ने से यह कहकर इनकार कर दिया कि वह जानता है कि उसमें क्या है।
जानकारी के अनुसार, नागपुर में जेल प्रशासन की नजरें दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर थी। जैसे ही फैसला आया जेल प्रशासन ने फांसी की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। मेमन का आज जन्मदिवस भी है।
आइए जानें, इस मामले से जुड़े सिलसिलेवार सभी अपडेट-
1- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मेमन की ओर से बुधवार को भेजी गई दया याचिका खारिज कर दी।
2- सामाजिक कार्यकर्ता और मेमन के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को नियमों का हवाला दिया कि एक बार जब दया याचिका खारिज कर दी जाती है तब कैदी को 14 दिनों तक फांसी पर चढ़ाया नहीं जा सकता।
3- सुप्रीम कोर्ट के जजों ने सरकार की इस दलील को स्वीकार किया कि अपनी सजा को चुनौती देने के लिए उसके पास 'पहले काफी समय' था।
4- कोर्ट ने सरकार की यह दलील स्वीकार की कि मेमन के भाई द्वारा पिछले साल दी गई दया याचिका रिजेक्ट कर दी गई थी और उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
5- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार यानी कल मेमन की फांसी पर रोक लगाने से कहते हुए इनकार कर दिया था। याकूब की ओर दावा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने मौत की सजा को लेकर सही प्रक्रिया का पालन किया।
6- आधी रात को मेमन पर आपातकालीन याचिका पर सुनवाई करने वाले वे ही तीनों जज थे, जिन्होंने दिन में उसके खिलाफ फैसला दिया था।
7- मेमन को 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट पर वित्तीय सहायता देने का दोष साबित हुआ था। इन बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी।
8- मेमन का भाई टाइगर और दाऊद इब्राहिम, जो इन बम धमाकों के मास्टरमाइंड थे, अब भी लापता हैं।
9- मेमन के दावे को सपोर्ट करने वालों का कहना था कि मेमन ने जांचकर्ताओं को बेहद अहम जानकारियां दी थीं, जिनसे ब्लास्ट केस में दोष साबित करने में महत्वपूर्ण मदद मिली। उसके दो भाइयों को उम्रकैद दी गई है।
10- 1993 में मुंबई बम धमाकों के बाद वह तुरंत देश से बाहर निकल गया था। वह साल भर बाद वापस आया। जांचकर्ताओं ने इस बात से इनकार किया कि उससे किसी तरह की गुप्त याचिका पर बातचीत चल रही थी।
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