1993 के मुंबई बम धमाके के दोषी और फांसी के फंदे पर लटकाए गए याकूब मेमन की कब्र पर विवाद शुरू हो गया है. महाराष्ट्र बीजेपी के नेता राम कदम ने दो फोटो जारी किया है और देशद्रोही की कब्र को मजार के रूप में स्थापित किए जाने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता ने इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी सरकार को आरोपी ठहराया है.
याकूब मेमन को साल 2015 में नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी की सजा दी गई थी लेकिन उसके शव को मुंबई के मरीन लाइंस में बड़ी कब्रिस्तान में दफनाया गया था. बीजेपी नेता के आरोपों पर कब्रिस्तान के चेयरमैन शोएब खतीब ने मीडिया को बताया कि वहां कोई मजार नहीं बनाया गया है बल्कि वहां मिट्टी गिर रही थी, इसलिए पक्का घेरा बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि वहां मेमन परिवार की कई कब्रें हैं, सिर्फ याकूब मेमन की कब्र वहां नहीं है. शोएब ने माना की गुसुल के लिए वहां लाइट लगाई गई थी लेकिन अब जब विवाद हुआ है तो निकाल दी गई है. उन्होंने ये भी साफ किया कि याकूब मेमन देशद्रोही था और उससे कोई सहानुभूति नहीं है.
इधर, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता, अतुल लोढ़े ने कहा है कि सबसे बड़ी गलती अगर किसी ने की है तो वो बीजेपी ने की है. उन्होंने कहा कि यूपीए शासनकाल में दो कुख्यात आतंकवादियों को फांसी दी गई. एक था अफजल गुरु और दूसरा कसाब लेकिन सरकार ने इन दोनों का पार्थिव शरीर इनके परिवारजनों को नहीं सौंपा. इसके पीछे वजह यही रही कि इन लोगों को जहां दफनाया जाता है, वह किसी को रेलिंग पॉइंट बनाने का मौका देती है.
लोढ़े ने कहा कि सबसे पहले बीजेपी को यह बताना चाहिए कि उसने याकूब मेमन का पार्थिव शरीर उनके परिवारजनों को क्यों सौंपा? अंतिम संस्कार इतने बड़े पैमाने पर कैसे हुआ? उसमें क्यों इतने लोग शामिल हुए? उन्होंने कहा कि इसका साफ मकसद है कि राजनीतिक फायदे के लिए बीजेपी ने ऐसा किया. लोढ़े ने कहा कि अगर आज याकूब मेमन के मजार का ग्लोरिफिकेशन हो रहा है तो उसके लिए सीधे सीधे तौर पर बीजेपी जिम्मेदार है.
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