नई दिल्ली:
कश्मीर में आतंकवाद से निपटने को लेकर सेना और सीआरपीएफ की राय अलग-अलग है. हाल ही में सेना प्रमुख ने कहा था कि आतंकियों की मदद करने वालों को देशद्रोही माना जाएगा, जबकि सीआरपीएफ़ के महानिदेशक ने माना कि लोग मजबूरी में आतंकियों की मदद करते हैं. रिटायरमेंट से एक दिन पहले सीआरपीएफ के डीजी के दुर्गा प्रसाद ने कहा कि कई बार स्थानीय लोग आतंकियों की मदद दवाब में आकर करते हैं. लिहाजा इसको समझते हुए ही हालात से निपटने की जरूरत है. सीआरपीएफ के डीजी के दुर्गा प्रसाद ने कहा, 'जो लोग सीधे ऑपरेशन खुलेआम रोकते हैं, उनके खिलाफ आज भी कार्रवाई हो रही है और कल भी होगी लेकिन ये भी होता है कि कुछ बच्चे एडवेंचर के लिए आ रहे हैं, कुछ लोग इसलिए आ रहे हैं क्योंकि उनके रिश्ते अंदर हैं और कुछ लोग दबाव की वजह से आ रहे हैं. इसलिए हम बार बार लोगों से अपील करते हैं कि आप दबाव में न आएं, हम आपकी सुरक्षा के लिए हैं.'
सीआरपीएफ डीजी ने माना कि स्थानीय लोगों का आतंकियों का समर्थन करना सुरक्षाबलों के लिए काफी चिंता वाली बात है इसलिए उनके दिल जीतने की भरसक कोशिश हो रही है. इससे उलट सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने करीब दो हफ्ते पहले कहा था कि जो आतंकियों की मदद करेगा उसे राष्ट्र विरोधी समझा जाएगा और सेना ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. सेना प्रमुख के इस बयान की कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेस ने आलोचना की थी.
सीआरपीएफ डीजी ने कहा कि विवादित पैलेट गन के इस्तेमाल से इस बार भी सीआरपीएफ परहेज नहीं करेगी लेकिन अब उसकी कोशिश रहेगी वो फायर पैर के नीचे करें. के दुर्गा प्रसाद ने कहा कि हालात को देखते हुए फैसला लेंगे लेकिन मोडिफाइड पैलेट गन का इस्तेमाल करेंगे. अगर हालात बिगड़ते हैं और कोई उपाय नहीं होता है तो फिर हम पैलेट गन का इस्तेमाल करेंगे लेकिन वो वहीं लगेगा जहां हम चाहते हैं.
वैसे पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर कश्मीर में जबरदस्त बवाल हुआ था. पैलेट गन से घायल होकर सौ के करीब लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. इसके इस्तेमाल को लेकर एक हाई पावर कमेटी भी बनी थी लेकिन सीआरपीएफ की कहना है इससे बेहतर विकल्प अब तक नहीं मिल पाया है. इससे पहले हाल ही में पूर्व केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि अगर कश्मीर के हालात ऐसे ही बिगड़े तो वो हमारे हाथ से निकल सकता है. हालांकि सीआरपीएफ का मानना है कि अब हालात सुधर रहे हैं.
सीआरपीएफ डीजी ने माना कि स्थानीय लोगों का आतंकियों का समर्थन करना सुरक्षाबलों के लिए काफी चिंता वाली बात है इसलिए उनके दिल जीतने की भरसक कोशिश हो रही है. इससे उलट सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने करीब दो हफ्ते पहले कहा था कि जो आतंकियों की मदद करेगा उसे राष्ट्र विरोधी समझा जाएगा और सेना ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. सेना प्रमुख के इस बयान की कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेस ने आलोचना की थी.
सीआरपीएफ डीजी ने कहा कि विवादित पैलेट गन के इस्तेमाल से इस बार भी सीआरपीएफ परहेज नहीं करेगी लेकिन अब उसकी कोशिश रहेगी वो फायर पैर के नीचे करें. के दुर्गा प्रसाद ने कहा कि हालात को देखते हुए फैसला लेंगे लेकिन मोडिफाइड पैलेट गन का इस्तेमाल करेंगे. अगर हालात बिगड़ते हैं और कोई उपाय नहीं होता है तो फिर हम पैलेट गन का इस्तेमाल करेंगे लेकिन वो वहीं लगेगा जहां हम चाहते हैं.
वैसे पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर कश्मीर में जबरदस्त बवाल हुआ था. पैलेट गन से घायल होकर सौ के करीब लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. इसके इस्तेमाल को लेकर एक हाई पावर कमेटी भी बनी थी लेकिन सीआरपीएफ की कहना है इससे बेहतर विकल्प अब तक नहीं मिल पाया है. इससे पहले हाल ही में पूर्व केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि अगर कश्मीर के हालात ऐसे ही बिगड़े तो वो हमारे हाथ से निकल सकता है. हालांकि सीआरपीएफ का मानना है कि अब हालात सुधर रहे हैं.
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