उत्तर भारत में जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra singh Tomer) ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य है कि देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) का योगदान बढ़े. वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो और इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर बढ़ें. कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि कृषि के विकास के लिए कानूनों से भी सारे रास्ते खोले गए हैं, जिनका लाभ उठाते हुए किसानों की आय दोगुनी ही नहीं, बल्कि इससे भी ज्यादा करने का प्रयास होना चाहिए. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICMR) की जलवायुवीय समिति-IV (उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड) की बैठक में उन्होंने यह विचार व्यक्त किए.
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तोमर ने कहा कि सरकार 10 हजार नए एफपीओ बनाने, 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, 10 हजार करोड़ रू. के निवेश से कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने सहित अन्य उपाय किसानों और कृषि क्षेत्र की समृद्धि के लिए कर रही है. उन्होंने कहा, "गांव-गांव इंफ्रास्ट्रक्चर होगा तो किसान उपज बाद में उचित मूल्य पर बेच सकेंगे. छोटी फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स गांव-गांव खुलने से भी किसानों को लाभ मिलेगा. देश में किसान विज्ञान केंद्र (केवीके) बहुत ही सक्षम व योग्य यूनिट है जो लगभग हर जिले में है. इनके संसाधन बढ़ाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है. राज्यों के संसाधनों व केवीके के ज्ञान का सदुपयोग कर इसे जिलों में छोटे किसानों तक पहुंचाने की योजना बनाना चाहिए. कृषि वैज्ञानिक गांव-गांव तक पहुंचेंगे तो किसानों को इसका सीधा फायदा होगा."
बैठक में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री जी के लक्ष्य को प्राप्त करने में सरकार की योजनाएं कारगर साबित होगी उन्होंने कहा कि कृषि सुधार के नए कानून बनने से भी सभी को फायदा होगा.
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