
पुराने जनता परिवार के छह दल अपनी 'महाविलय' योजना के कदम के रूप में सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार के विभिन्न मोर्चों पर 'असफल' रहने और चुनावी वादों को 'पूरा नहीं करने' के खिलाफ एक मंच को साझा करके जनता का ध्यान इस ओर दिलाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि छह दलों के 'महाविलय' में अभी कुछ समय लग सकता है और शुरुआत के रूप में सोमवार को लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू एक हो सकती हैं।
बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी का संयुक्त रूप से सामना करने की तैयारी के लिए ये दोनों दल महाविलय की प्रतीक्षा किए बिना पहले से ही संभवत: एक दल का रूप ले लेंगे।
जेडीयू के एक नेता ने अपना नाम उजागर नहीं करने के आग्रह पर बताया कि उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के विधानसभा चुनाव अभी दूर हैं, इसलिए सपा और जेडीएस के विलय की इतनी जल्दी नहीं है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव 2017 में होने हैं।
उन्होंने बताया कि चूंकि आरजेडी नेता लालू यादव और जेडीयू के नीतीश कुमार और शरद यादव सोमवार को यहां रहेंगे, इसलिए दोनों दलों के बीच विलय के पूरे संकेत हैं। इससे छह दलों के 'महाविलय' की प्रक्रिया को भी गति मिलेगी।
लोकसभा चुनावों में बिहार में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के हाथों जेडीयू, आरजेडी, और कांग्रेस का लगभग सफाया हो गया था। बाद में राज्य विधानसभा की कुछ सीटों के लिए हुए उपचुनाव में इन तीनों दलों ने आपसी तालमेल से चुनाव लड़ा और बेहतर प्रदर्शन किया।
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