बिहार के विधानसभा चुनाव में अब क्यों राशन मुख्य मुद्दा होगा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत मुफ्त अनाज योजना को पांच महीने और बढ़ाने की घोषणा की

बिहार के विधानसभा चुनाव में अब क्यों राशन मुख्य मुद्दा होगा?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (फाइल फोटो).

पटना:

बिहार के चुनाव में और चुनावी भाषण में राशन एक मुख्य मुद्दा होगा. इसका संकेत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में दे दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत मुफ्त अनाज योजना को पांच महीने और बढ़ाने की घोषणा की.

बिहार के एनडीए नेताओं को इसका अंदाज़ और आभास पहले से था, कम से कम तीन दिग्गज नेताओं मुख्य मंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी और केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान को. यही कारण है कि केंद्र से संकेत मिलने के बाद ही इस संबंध में सुशील मोदी ने कुछ दिन पूर्व विधिवत मांग की थी. मोदी बिना केंद्र का मूड भांपे ऐसी मांग उठाने वाले नेताओं में से नहीं हैं क्योंकि वे जानते हैं कि मांग पूरी न होने पर राजनीतिक फजीहत भी बहुत होती है. इसलिए जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की सुशील मोदी ने तुरंत बिहार के लोगों को कितना नफा होगा, गिना दिया.

सुशील मोदी ने कहा कि गरीब परिवार से आए लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों का दर्द समझते हैं, इसलिए गरीबों को अब पांच माह का राशन मुफ्त देने की घोषणा की है. इससे बिहार के आठ करोड़ 71 लाख से ज्यादा लोगों को प्रति व्यक्ति 25 किलो चावल और पांच किलो चना प्रति परिवार मुफ्त मिलेगा. इसकी कीमत 8428 करोड़ से ज्यादा है. इसके पहले 5057 करोड़ रुपये मूल्य का 15 किलो चावल प्रति व्यक्ति बिहार के गरोबों को मिल चुका है. कुल 13485 करोड़ मूल्य का मुफ्त खाद्यान्न बिहार को मिला है. प्रधानमंत्री ने जिस उदारता-सहृदयता से गरीबों के हित में फैसले किए, उसके लिए बिहार की जनता की ओर से उनका कोटि-कोटि आभार. इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है.

वहीं जनता दल यूनाइटेड के नेताओं का कहना है कि निश्चित रूप से यह कदम सराहनीय है. लेकिन पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभिन्न योजनाओं के तहत किसी माध्यम वर्ग या गरीब वर्ग के परिवार के लोगों को दिक्कत न हो इसलिए करीब 8500 करोड़ से अधिक उनके खाते में पहले दे दिया. निश्चित रूप से जो और कदम व वित्तीय सहायता सरकार के सामर्थ्य में होगी आप देखेंगे कि नीतीश कुमार ज़रूर करेंगे. 

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान एनडीए में अलग-थलग थे. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि

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एनडीए नेताओं का कहना है कि इस घोषणा के बाद प्रवासी श्रमिकों के बीच जो सरकार को लेकर गुस्सा है वो भी बहुत हद तक कम होगा क्योंकि चुनाव में कोरोना के बाद जहां विपक्ष सरकार के कामकाज को मुद्दा बनाएगा उसका मुकाबला राशन से किया जाएगा. हालांकि नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया ट्विटर के जरिये दे दी है.