देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने एनडीटीवी से बातचीत की. कुरैशी ने कहा कि दुनिया के कई देश हैं जिन्होंने कोरोना काल में ही चुनाव कराए और वहां काफी अनुशासन के साथ लोगों ने कोरोना की गाइडलाइन्स का पालन किया. अगर भारतीय चुनाव आयोग चुनाव कराने से इंकार कर देता तो यह बहुत शर्म की बात होती क्योंकि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं. कुरैशी ने कहा कि मसला गाइडलाइन्स को लागू करने का है. ये कहना कि भारत में गाइडलाइन्स लागू नहीं हो सकती ये कहना सही नहीं है. भारत कोई बनाना रिपब्लिक नहीं है. जब लॉकडाउन सख्ती से लागू हो सकता है तो कोरोना की गाइडलाइन्स भी लागू की जा सकती हैं.
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पूर्व चुनाव आयुक्त ने कहा कि प्रशासन की मंशा होती है तो नियम लागू हो जाते हैं प्रशासन नहीं चाहता तो नियम भी ढिलाई से बरते जाते हैं. कुरैशी ने कहा कि ये कहना कि चुनाव आयोग सरकार के दबाव में है ऐसा कहना सही नहीं होगा क्योंकि समय से चुनाव कराना चुनाव आयोग का मैंडेट होता है. यह संविधान द्वारा दिया गया कर्तव्य है चुनाव आयोग का कि वह चुनाव कराए.
कुरैशी ने कहा कि रही बात प्रचार की तो इंटरनेट के जरिए प्रचार अच्छे से किया जा सकता है. रैली भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ की जा सकती है. अगर कोई नियम नहीं मानता है तो आयोग रैलियों पर पाबंदी लगा सकता है. घर जा जाकर चुनाव प्रचार किया जा सकता है. अगर रैलियों पर पाबंदी लगाकर अनुशासन आ सकता है तो ऐसा करने में कोई गुरेज नहीं होनी चाहिए.
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