
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से हाथ उठवाकर प्रण कराया कि वो अपने सामान्य काम काज के अलावा विभिन्न योजनाओं की समीक्षा और औचक निरीक्षण भी करेंगे. नीतीश ने बृहस्पतिवार को पटना में सिविल सेवा दिवस पर आयोजित सरकारी कार्यक्रम में ये प्रण आधिकारियों से लेने को कहा. उन्होंने सभी ज़िला अधिकारियों को ये याद दिलाया कि ज़िला प्रबंधन परामर्शी केंद्रो में उनके बैठने के लिए अलग से व्यवस्था हैं. लेकिन उन्हें ख़बर हैं कि अब कोई नहीं बैठता जिसके कारण काफ़ी शिकायतों का बैकलॉग हैं. इसके बाद उन्होंने आग्रह करते हुए उनसे हाथ उठवाया कि वो वहां जाएंगे या नहीं इसके बारे में बता दे.
@NitishKumar सिविल सेवा दिवस के अपने भाषण में डीएम लोगों से देखिए क्यों हाथ उठवा कर उनसे प्रण करवाया ..निश्चित रूप से किसी सीएम का इस लहजे में बात करना उनकी शासन पर ढीली होती पकड़ का परिणाम हैं @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/CaVKym1bwh
— manish (@manishndtv) April 22, 2022
नीतीश ने इसके अलावा विद्यालयों का, सरकारी अस्पताल का भी ज़िक्र किया और कहा कि शिक्षक और डॉक्टर नदारद रहते हैं. अगर वो औचक निरीक्षण करते रहे तो उसका असर वहां की व्यवस्था पर होगा. इसके बाद उन्होंने विधि व्यवस्था का भी ज़िक्र किया और कहा कि वो रात्रि भ्रमण अगर महीने में एक बार भी करे तो उसका असर होगा.
विधि व्यवस्था पर रात्रि भ्रमण जो आवश्यक होता था उसके लिए भी अब @NitishKumar अपने अधिकारियों से आग्रह करते दिखे @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/fJW7kgkU7F
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निश्चित रूप से नीतीश के भाषण का ये लहजा उनके कमजोर स्थिति को दर्शाता हैं. जानकारों की माने तो बिहार में भले मुख्य मंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार बैठे हों लेकिन ये बात किसी से छिपी नहीं इस कार्यकाल में उनका शासन का इक़बाल कम हुआ हैं. बृहस्पतिवार को सिविल सेवा दिवस पर भी नीतीश अपने अधिकारियों के सामने भाषण के दौरान जिस लहजे में हर मुद्दे पर सामान्य काम करने की अपील कर रहे थे. उससे सत्ता में उनकी अब कम होती हनक साफ़ झलक रही थी.
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