डीजल, पेट्रोल और CNG के दाम बढ़ने से सब्जियों के दाम में भी बढ़ोत्तरी हुई है. लोगों को बुरी नज़र से बचाने वाले नींबू और मिर्च पर महंगाई की नजर सबसे ज्यादा लगी है. पेट्रोल-डीजल और CNG की बढ़ी कीमतों को लेकर सब्जी विक्रेताओं और आम लोगों पर इसका क्या असर पड़ा है? इस पर जब NDTV ने ग्राउंड रिपोर्ट की तो सोनू शर्मा नाम के एक दुकानदार ने बताया कि वो हर शनिवार को दुकान में नींबू और मिर्च लटकाते हैं. लेकिन उसके बावजूद हाल के दिनों में उनका कारोबार कम हुआ है. उन्होंने बताया कि लगातार आसमान छूती मंहगाई से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. सोनू शर्मा ने NDTV से कहा कि पेट्रोल डीजल और सीएनजी की बढ़ी कीमतों की वजह से खाने पीने से जुड़ी चीजें सब मंहगी हो रही है और आमदनी कम हो रही है. ऐसे में हम क्या करें?
इसी तरह, तिलक सैनी बीते 30 सालों से नींबू के थोक व्यापार से जुड़े हैं. लेकिन 300 रुपए किलो नींबू कभी नहीं बेचा है. वो बताते हैं कि डीजल के दाम बढ़ने से एक ट्रक पर 24 हजार रुपए का अतिरिक्त भार आ गया है. सैनी ने NDTV से बात करते हुए कहा कि, "मेरे 30 साल के व्यापार में सबसे ज्यादा कीमत नींबू की 150 रुपए किलो था. लेकिन 300 रुपए किलो कभी नहीं रहा. पीछे से माल कम आ रहा है. डीजल के दाम बढ़े हैं. एक ट्रक आने पर हमारा खर्चा 20 से 25 हजार बढ़ गया है.
बता दें कि, नींबू के अलावा दूसरी सब्जियों पर भी डीजल और बदलते मौसम की मार पड़ी है. बीते 15 दिन के अंदर कीमतों की अगर बात करें तो नींबू 15 दिन पहले 50-100 रुपए किग्रा था, जोकि अब 200 से 300 रुपए किग्रा है. वहीं, मिर्च 15 दिन पहले 100 से 120 रुपए किग्रा था, जो अब 50 से 60 रुपए किग्रा है. इसके अलावा, सीताफल पहले 30-40 रुपए किग्रा था, अब 50 से 50 रुपए किग्रा है.
अगर करेला की बात करें तो पहले जो 20 से 30 रुपए किलो था, अब वो 50 से 60 रुपए में मिल रहा है. फली 15 दिन पहले 25 से 30 रुपए थी, वो अब 60 रुपए किलो है. महंगाई को लेकर सरकार का तर्क है कि बढ़ती मंहगाई के पीछे वैश्विक बाजार में बढ़ती कीमतें हैं. यही वजह है कि फिलहाल नींबू मिर्च लटकाने के बावजूद आप और हम मंहगाई की बुरी नजर से नहीं बच पाएंगे.
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