संसद भवन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
संसद के मॉनसून सत्र का आज चौथा दिन है, लेकिन हंगामे के कारण आज भी कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। विपक्ष व्यापमं और ललितगेट को लेकर हंगामे पर अड़ा हुआ है, जिसके चलते कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ता है। अगर इस सत्र के सभी 18 कामकाजी दिन इसी तरह हंगामें की भेंट चढ़ जाते हैं तो टैक्स भरने वाली आम जनता का करीब 35 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
संसद सत्र के हर मिनट पर करीब 29,000 रुपये का खर्च आता है। राज्यसभा में आमतौर पर दिन में करीब पांच घंटे और लोकसभा करीब छह घंटे यानी कुल 11 घंटे कामकाज होता है।
मंगलवार को जब से मॉनसून सत्र शुरू हुआ है तब से कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने धमकी दी है कि वे तब तक सदनों में कार्यवाही नहीं होने देंगे जब तक कि सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफा नहीं ले लिया जाता। दरअसल, कांग्रेस का कहना है कि ये लोग व्यापमं और ललितगेट के लिए जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में छह प्रतिशत काम और 94 प्रतिशत हंगामा हो रहा है।
हालांकि कल एक कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने सांसदों को आगाह किया कि दुनिया देख रही है, लोगों को संसद और सांसदों से बहुत उम्मीदें हैं। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि संसद में बहस के मजबूत रास्ता बनाना होगा।
वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को साफ कर दिया कि जब तक इस्तीफे नहीं हो जाते तब तक संसद में बहस नहीं होगी।
उध, लेफ्ट के नेता डी राजा ने कहा कि यह बेहद चिंता वाली बात है कि जनता के पैसे का नुकसान हो रहा है, लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इन नेताओं को हटाए और सार्थक बहस के लिए माहौल बनाए।
कांग्रेस ने बीजेपी को यह भी याद दिलाया कि संसद में हंगामा कभी उनकी अहम रणनीति थी, जब वे विपक्ष में थे।
संसद सत्र के हर मिनट पर करीब 29,000 रुपये का खर्च आता है। राज्यसभा में आमतौर पर दिन में करीब पांच घंटे और लोकसभा करीब छह घंटे यानी कुल 11 घंटे कामकाज होता है।
मंगलवार को जब से मॉनसून सत्र शुरू हुआ है तब से कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने धमकी दी है कि वे तब तक सदनों में कार्यवाही नहीं होने देंगे जब तक कि सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफा नहीं ले लिया जाता। दरअसल, कांग्रेस का कहना है कि ये लोग व्यापमं और ललितगेट के लिए जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में छह प्रतिशत काम और 94 प्रतिशत हंगामा हो रहा है।
हालांकि कल एक कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने सांसदों को आगाह किया कि दुनिया देख रही है, लोगों को संसद और सांसदों से बहुत उम्मीदें हैं। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि संसद में बहस के मजबूत रास्ता बनाना होगा।
वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को साफ कर दिया कि जब तक इस्तीफे नहीं हो जाते तब तक संसद में बहस नहीं होगी।
उध, लेफ्ट के नेता डी राजा ने कहा कि यह बेहद चिंता वाली बात है कि जनता के पैसे का नुकसान हो रहा है, लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इन नेताओं को हटाए और सार्थक बहस के लिए माहौल बनाए।
कांग्रेस ने बीजेपी को यह भी याद दिलाया कि संसद में हंगामा कभी उनकी अहम रणनीति थी, जब वे विपक्ष में थे।
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