जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाये जाने के बाद राज्य में धारा 144 लागू है. फ़ैसले के बाद से ही श्रीनगर में भारी संख्या में सुरक्षाबल नजर आ रहे हैं. उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन सहित राज्य की मुख्यधारा के कई नेताओं सहित करीब 500 लोग अब तक हिरासत में हैं. इसके पहले बुधवार को राज्य में तैनात सुरक्षाबलों की संख्या में और इज़ाफा कर दिया गया था. कश्मीर घाटी में रविवार देर शाम से निषेधाज्ञा लागू है. लोगों को घरों से न निकलने को कहा गया है. कश्मीर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित कर दी गयी हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार राज्य के हालात का लगातार रिव्यू कर रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल खुद जम्मू-कश्मीर में बने हुए हैं. बुधवार को शोपिंया में वो लोगों के बीच घूमते नज़र आए. इन सब के बीच कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद आज राज्य कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक करने के लिए श्रीनगर जाने वाले हैं. लेकिन, ख़बरों के मुताबिक प्रशासन उन्हें वहां से वापस भेज सकता है. 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस भी करीब ही है. ऐसे में यह जानने की उत्सुकता सभी के मन में होगी कि स्वतंत्रता दिवस से पहले का हफ्ता कश्मीर में कैसा बीतेगा.
कश्मीर में लोगों के साथ बात करते NSA डोभाल की तस्वीर पर बोले गुलाम नबी आजाद ने कही यह बात...
370 हटाए जाने के बाद पहला जुम्मा
370 हटाए जाने के बाद शुक्रवार 9 अगस्त को पहला जुम्मा है. मुस्लिम बहुल कश्मीर घाटी में जबरदस्त सुरक्षा इंतजामों के बीच यह जुम्मा बीतेगा. अभी तक प्रशासन की तरफ से ऐसी कोई सूचना नहीं है कि जुम्मे की नमाज अदा करने के लिए कर्फ्यू में किसी किस्म की ढील दी जाएगी या नहीं. अक्सर देखा गया है कि जुम्मे की नमाज के बाद कश्मीर घाटी में उपद्रवियों द्वारा पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया जाता रहा है. हालांकि पिछले कुछ समय से ऐसी घटनाएं सुनने को नहीं मिली हैं लेकिन सुरक्षाबलों के सामने चुनौतियां तो बरकरार हैं ही.
क्या बकरीद पर घाटी में मिलेगी राहत?
उधर 12 अगस्त को बकरीद का त्योहार भी है. केंद्र सरकार बकरीद के मौके पर कश्मीर घाटी में लोगों को कुछ राहत देते हुए वहां लगी पाबंदियों में ढील दे सकती है. हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह ढील पूरी तरह से दी जाएगी या फिर आंशिक रूप से. बकरीद का त्योहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा. एक अधिकारी ने बताया कि सरकार कश्मीर घाटी में लगाई गई पाबंदियों में कुछ ढील देने की योजनाओं पर काम करने की कोशिश कर रही है, ताकि लोग बकरीद मना सकें. हालांकि, ऐसी संभावना है कि सरकार नजरबंद नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को तत्काल रिहा नहीं करेगी. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही नेताओं को रिहा किया जा सकेगा.
अपने स्वतंत्रता दिवस पर क्या होगा पाकिस्तान का रुख...
14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है. भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. उसने न केवल अपने हवाई क्षेत्र को कुछ हद तक बंद किया है बल्कि भारतीय राजनयिक को भी वापस भेज दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में भारत से राजनयिक संबंधों का स्तर घटाने का फ़ैसला लिया गया. इसके तहत पाकिस्तान भारत में अपने उच्चायुक्त को वापस बुला रहा है और उसने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेजने का फ़ैसला किया है. द्विपक्षीय व्यापार को भी रोकने का फैसला किया गया है. पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपील की 'धमकी' भी दी है. 14 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के दिन पाकिस्तान कुछ और भी एकतरफा फैसले ले सकता है.
VIDEO: युवाओं ने माना अलग राज्य बनने से होगा जम्मू-कश्मीर का विकास
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