पश्चिम बंगाल के चुनावी मैदान में JNUSU की अध्यक्ष आइशी घोष, इस सीट से CPI(M) ने बनाया कैंडिडेट

बंगाल विधानसभा चुनाव: आइशी घोष की उम्मीदवारी की बाद ऐसा पहली बार होगा कि जेएनयू के छात्रसंघ का कोई मौजूदा अध्यक्ष किसी विधानसभा चुनाव में लड़े. सीपीआई (एम) ने उन्हें जमुरिया विधानसभा सीट उतारा है. संयुक्त मोर्चा ने अपना समर्थन दिया है.

पश्चिम बंगाल के चुनावी मैदान में JNUSU की अध्यक्ष आइशी घोष, इस सीट से CPI(M) ने बनाया कैंडिडेट

आइशी विधानसभा चुनावों में लड़ने वाली JNUSU की पहली सिटिंग प्रेसिडेंट होंगी.

खास बातें

  • बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए CPI (M) की तैयारी
  • आइशी घोष को चुनावी मैदान में उतारा
  • जमुरिया सीट से लड़ेंगी आइशी
नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में छात्रसंत्र की अध्यक्ष आइशी घोष इस महीने पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार के तौर पर नजर आएंगी. सीपीआई (एम) ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसा पहली बार होगा कि जेएनयू के छात्रसंघ का कोई मौजूदा अध्यक्ष किसी विधानसभा चुनाव में लड़े.

सीपीआई (एम) ने उन्हें जमुरिया विधानसभा सीट उतारा है. उनकी उम्मीदवारी को संयुक्त मोर्चा का समर्थन मिलेगा. आइशी ने गुरुवार को एक ट्वीट कर कहा कि 'सीपीआई (एम) के कैंडिडेट के तौर पर जमुरिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हूं. संयुक्त मोर्चा का समर्थन है. आप सबके सहयोग के लिए आग्रह करती हूं.'

बता दें कि 294 सीटों वाली बंगाल की विधानसभा के लिए 27 मार्च से आठ राउंड में मतदान हो रहा है. आखिरी मतदान का दिन 29 अप्रैल को है. नतीजे 2 मई को आ रहे हैं. यहां कांग्रेस, लेफ्ट और सेकुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (ISF) एक साथ लड़ रहे हैं. 

आइशी घोष तब काफी चर्चा में आई थीं, जब पिछले साल जनवरी में JNU में छात्रों और टीचरों पर हमला हुआ था. इस दौरान की आइशी की एक तस्वीर आई थी, जिसमें उनके सिर पर चोट लगी थी और उनके पूरे चेहरे पर खून बह रहा था. जेएनयू हिंसा, जिसमें कम से कम कुछ 70 नकाबपोश हथियारबंद लोग, यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसकर लोहे की छड़ों, हथौड़ों और शीशे की बोतलों से छात्रों-टीचरों पर हमला किया था.

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उनके पहले जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रह चुके कन्हैया कुमार ने भी 2019 में लोकसभा चुनावों में बिहार के बेगुसराय से लेफ्ट के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह से बड़े अंतरों से हार गए थे.