"हम अस्थिरता रोकेंगे" : इस्तीफा देने की खबरों के बीच अफगान राष्ट्रपति ने देश को संबोधित किया

TOLO news के अनुसार राष्ट्रपति गनी ने कहा, "मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके राष्ट्रपति के रूप में मेरा ध्यान लोगों की अस्थिरता, हिंसा और विस्थापन को रोकने पर है. मैं अफगानों पर युद्ध थोपने नहीं दूंगा. न ही 20 वर्षों के लाभ को हानि में बदलकर कत्ले आम और सार्वजनिक संपत्ति का विनाश होने दूंगा."

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज देश को संबोधित किया.

काबुल:

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान आतंकियों  (Taliban Militants) के बढ़ते कदम और इस्तीफा देने की खबरों के बीच वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने देश को संबोधित करते हुए कहा है कि हम अस्थिरता रोकेंगे. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अफगानी लोगों को अपने संबोधन में राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि वह स्थिति पर स्थानीय नेता और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ परामर्श कर रहे हैं.

TOLO news के अनुसार राष्ट्रपति गनी ने कहा, "मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके राष्ट्रपति के रूप में मेरा ध्यान लोगों की अस्थिरता, हिंसा और विस्थापन को रोकने पर है. मैं अफगानों पर युद्ध थोपने नहीं दूंगा. न ही 20 वर्षों के लाभ को हानि में बदलकर कत्ले आम और सार्वजनिक संपत्ति का विनाश होने दूंगा."

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टोलो न्यूज के मुताबिक, राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि मौजूदा स्थिति में, अफगानों की रक्षा और सुरक्षा बलों को फिर से संगठित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. गनी ने इस बात के कोई संकेत नहीं दिए कि वह पद से इस्तीफा देंगे या मौजूदा स्थिति की जिम्मेदारी लेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि युद्ध की कोशिश करने और समाप्त करने के लिए वह "परामर्श" कर रहे हैं.

बता दें कि तालिबान लड़ाकों ने शुक्रवार को लोगहर प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम पर भी कब्जा कर लिया. अब यहां से काबुल सिर्फ 50 किलोमीटर (30 मील) दूर है. तालिबान ने अपने आध्यात्मिक गढ़ कंधार, जो अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, पर भी नियंत्रण कर लिया है. फिलहाल सरकार के नियंत्रण में कुछ शहर बचे हुए हैं.

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इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस बात पर चिंता जताते हुए कहा है कि अफगानिस्तान में हालात “नियंत्रण से बाहर हो रहे हैं.” उन्होंने तालिबान से फौरन हमले रोकने को कहा है. उन्होंने कहा कि सैन्य ताकत के जरिए सत्ता छीनना एक "असफल कदम" है और यह सिर्फ और सिर्फ लंबे समय तक गृहयुद्ध चलने का और युद्धग्रस्त राष्ट्र के पूरी तरह से अलग-थलग होने का कारण बन सकता है.