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This Article is From Aug 14, 2021

राजधानी काबुल के मुहाने पर जा पहुंचा तालिबान, लोगों को एयरलिफ्ट कराने की तैयारी में अमेरिका

पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा करने की फिराक में लगे तालिबान ने शुक्रवार को कई प्रमुख शहरों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया. इसके साथ ही आतंकी संगठन राजधानी काबुल के करीब जा पहुंचा है. इसबीच, संयुक्त राज्य अमेरिका राजधानी काबुल से एक दिन में हजारों लोगों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है.

राजधानी काबुल के मुहाने पर जा पहुंचा तालिबान, लोगों को एयरलिफ्ट कराने की तैयारी में अमेरिका
तालिबानियों ने शुक्रवार को लोगहर प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम पर भी कब्जा कर लिया.
काबुल:

पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने की फिराक में लगे तालिबान (Taliban) ने शुक्रवार को कई प्रमुख शहरों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया. इसके साथ ही आतंकी संगठन राजधानी काबुल के करीब जा पहुंचा है. इसबीच, संयुक्त राज्य अमेरिका राजधानी काबुल से एक दिन में हजारों लोगों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है.

लोगों को काबुल से एयरलिफ्ट कराने के लिए पहला अमेरिकी मरीन काबुल में नागरिक हवाई अड्डे पर उतरा.  तालिबान द्वारा अपने आध्यात्मिक गढ़ कंधार, जो अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़े शहर है, पर नियंत्रण करने के बाद भी सरकार के नियंत्रण में कुछ शहर बचे हुए हैं.

तालिबानी हमले के पैमाने और स्पीड ने अफगानों और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन को झकझोर दिया है, जिसने लगभग 20 साल पहले 11 सितंबर के हमलों के मद्देनजर तालिबान पर अंकुश लगाने के बाद देश में अरबों का निवेश किया था. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के अंतिम आदेश से कुछ दिन पहले, व्यक्तिगत सैनिकों, इकाइयों और यहां तक ​​​​कि पूरे डिवीजनों ने अपने हथियार डाल दिए थे. इससे विद्रोहियों को और तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिली.

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तालिबानियों ने शुक्रवार को लोगहर प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम पर भी कब्जा कर लिया. अब यहां से काबुल सिर्फ 50 किलोमीटर (30 मील) दूर है. राजधानी के निवासी खैरदीन लोगारी ने भ्रम की स्थिति बताई है. समाचार एजेंसी  AFP से कहा, "हम नहीं जानते कि क्या हो रहा है?" 

इसबीच, ब्रिटिश रक्षा मंत्री बेन वालेस ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा बड़े अमेरिकी दल को वापस बुलाने के आदेश के बाद लंदन ने जो जल्दबाजी की, वह "एक गलती" थी. प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने "अफगानिस्तान से मुंह नहीं मोड़ने" का वादा किया, लेकिन स्वीकार किया कि बाहरी शक्तियों के पास समाधान थोपने की सीमित शक्ति है.

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अफगानिस्तान में तेजी से बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर अमेरिका ने काबुल में अमेरिकी दूतावास से लोगों को एयरलिफ्ट कराने के लिए करीब 3000 सैनिकों को भेजने की योजना बनाई है. उधर, ब्रिटेन भी ब्रिटिश नागरिकों को एयरलिफ्ट कराने के लिए 600 सैनिकों की अल्पकालिक तैनाती करने जा रहा है.

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