पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी टूट के कगार पर पहुंच चुकी है. लोजपा के 6 में से पांच सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर दी है. बगावत करने वाले सांसदों में पशुपति पारस, प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली केसर शामिल हैं. बगावती तेवर एख्तियार करने वाले महबूब अली कैसर ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि हम चाहते हैं कि बस लीडरशिप चेंज हो. उन्होंने यह भी कहा कि चिराग पासवान का नीतीश कुमार को बुरा भला कहना गलत था.
सांसद महबूब अली कैसर ने कहा, "विधानसभा चुनाव के वक्त अपनाई गई रणनीति गलत थी. यह मेन वजह रहा है. कहने के बावजूद वह नहीं माने. पशुपति पारस जी को बिहार के प्रेसिडेंट से हटाना गलत था. वो अनुभवी आदमी थे. उन पर रामविलास पासवान भी भरोसा करते थे.
उन्होंने कहा कि चिराग पासवान से पारस जी को मिलना चाहिए. बस लीडरशिप चेंज हो. हम यही चाहते हैं. 6 सांसद एक साथ रहे. एलजेपी एक साथ रहे. मेरी कोशिश है सब एक साथ रहे. चिराग पासवान भी इस बात को मानें. हकीकत को स्वीकार करें. लोजपा सांसद ने कहा कि चिराग पासवान का नीतीश को बुरा भला कहना, यह गलत था. इससे एनडीए कमज़ोर हुआ.
सूत्रों के मुताबिक, पांचों LJP सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें एलजेपी से अलग दल की मान्यता दी जाए. स्पीकर अब कानून के हिसाब से फैसला करेंगे. माना जा रहा है कि ये पांचों जेडीयू के संपर्क में हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के समय से ही ये सभी सांसद असंतुष्ट थे. सांसद चिराग पासवान के कामकाज के तरीके से आहत थे.
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