कभी बीजेपी से नज़दीकी दिखाने वाले कश्मीरी नेता सज्जाद लोन अब बीजेपी के साथ अपने किसी रिश्ते से इनकार कर रहे हैं। दो सीट जीत कर आने वाले लोन किसी भी बनने वाली सरकार में अपनी अहमियत तलाश रहे हैं। सरकार में शामिल होने न होने का फैसला वे इसी आधार पर करेंगे।
दो सीटें जीत कर जम्मू और कश्मीर विधानसभा में दस्तक देने वाले सज्जाद लोन अपनी पार्टी की क़ामयाबी से ख़ुश हैं। लेकिन बीजेपी और पीडीपी के बीच गठबंधन की आती ख़बरें इन्हें नहीं पसंद आ रहीं। यूं तो बीजेपी के साथ इनका कोई चुनावी समझौता नहीं हुआ था, लेकिन माना जा रहा था कि बीजेपी के मिशन 44 प्लस में ये मददगार साबित हो सकते हैं।
अब जबकि बीजेपी सरकार बनाने के लिए पीडीपी की तरफ देख रही है, लोन बीजेपी से अपनी दूरी दिखाने में कोई क़सर नहीं छोड़ रहे हैं। एनडीटीवी से इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हमारा बीजेपी के साथ कोई समझौता नहीं था, हम असेंबली में हंबल इंट्री चाहते जो मिल गया। हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे कि फ्यूचर में नुक्सान हो, हम ओपोजीशन में बैंठेंगे।
दरअसल बीजेपी अगर पीडीपी के साथ चली जाती है तो सरकार बनाने में एक-दो सीट वाली पार्टियों की कोई पूछ नहीं रह जाएगी। इसलिए जहां एक तरफ लोन विपक्ष में बैठने की बात कर रहे हैं वहीं, दूसरी तरफ वो अहमियत मिलने पर बीजेपी के साथ जाने की बात से इनकार भी नहीं कर रहे। वे कहते हैं कि हम छोटी पार्टी हैं और सरकार बनाने में हमारी कोई भूमिका नहीं है।
लेकिन, अगर कोई सरकार बनती है और उनकी कोई ऐसी भागीदारी सुनिश्चित होती है जिसमें वो कश्मीर की तरक्की में योगदान कर सकें तो ऐसे गठबंधन में शामिल होने से कोई परहेज़ नहीं। बकौल लोन हम तो आज़ाद पंक्षी हैं, हम न तो किसी के साथ जोड़िए और न ही किसी के साथ तोड़िए।
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