महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं की मदद के लिए ऑनलाइन अभियान शुरू किया है
नई दिल्ली:
महिलाओं द्वारा महिलाओं के खिलाफ लैंगिक आधार पर किये जाने वाले भेदभाव को समाप्त करने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक ऑनलाइन अभियान ‘आई एम दैट वुमैन’ की शुरूआत की है. इस अभियान के माध्यम से मंत्रालय महिलाओं की मदद के लिए खड़ी होने वाली महिलाओं से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालना चाहता है. महिला और बाल विकास मंत्रालय ने लोगों से महिलाओं द्वारा अन्य महिलाओं को हानि पहुंचाने वाली महिलाओं से दूर रहने का अनुरोध किया है.
अभियान के जरिए ट्वीटर और फेसबुक उपयोगकर्ताओं से फोटो के साथ महिलाओं द्वारा महिलाओं की मदद करने वाली कहानियों को साझा करने और उन्हें ‘आई एम दैट वुमैन’ के हैशटैग के साथ ऑनलाइन पोस्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने कहा कि जब किसी महिला को उसके स्त्रित्व का समर्थन मिलता है, तो वह अजेय हो सकती है. इस अभियान के माध्यम से हमारा उद्देश्य महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए किए गए भारी योगदान पर प्रकाश डालना है. एक सास अपनी बहू की सबसे अच्छी साथी हो सकती है. अब समय आ गया है कि हम बहू को बहू ना मानकर बेटी माने.
उन्होंने कहा कि एक महिला प्रबंधक बहुत आसानी से अपनी कनिष्ठ महिलाकर्मी के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार कर सकती है और उसे सफलता की सीढ़ी चढ़ने में मदद कर सकती है. इसी प्रकार, एक महिला मकान मालकिन अपनी महिला किरायेदार के साथ प्रेम भरा व्यवहार करके उस युवा लड़की को घर से दूर घर जैसा ही वातावरण उपलब्ध करा सकती है. # आई एम दैट वुमैन अभियान में शामिल होकर इस संदेश को फैलायें कि एक महिला दूसरी महिला के लिए कठिन से कठिन कार्य कर सकती है.
(इनपुट भाषा से)
अभियान के जरिए ट्वीटर और फेसबुक उपयोगकर्ताओं से फोटो के साथ महिलाओं द्वारा महिलाओं की मदद करने वाली कहानियों को साझा करने और उन्हें ‘आई एम दैट वुमैन’ के हैशटैग के साथ ऑनलाइन पोस्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.
Be a part of #IamThatWoman campaign & share stories of how Women stand ‘by’ and ‘for’ Women. pic.twitter.com/22Xy4w8Fv5
— Ministry of WCD (@MinistryWCD) 17 अक्तूबर 2017
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने कहा कि जब किसी महिला को उसके स्त्रित्व का समर्थन मिलता है, तो वह अजेय हो सकती है. इस अभियान के माध्यम से हमारा उद्देश्य महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए किए गए भारी योगदान पर प्रकाश डालना है. एक सास अपनी बहू की सबसे अच्छी साथी हो सकती है. अब समय आ गया है कि हम बहू को बहू ना मानकर बेटी माने.
उन्होंने कहा कि एक महिला प्रबंधक बहुत आसानी से अपनी कनिष्ठ महिलाकर्मी के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार कर सकती है और उसे सफलता की सीढ़ी चढ़ने में मदद कर सकती है. इसी प्रकार, एक महिला मकान मालकिन अपनी महिला किरायेदार के साथ प्रेम भरा व्यवहार करके उस युवा लड़की को घर से दूर घर जैसा ही वातावरण उपलब्ध करा सकती है. # आई एम दैट वुमैन अभियान में शामिल होकर इस संदेश को फैलायें कि एक महिला दूसरी महिला के लिए कठिन से कठिन कार्य कर सकती है.
(इनपुट भाषा से)
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