नई दिल्ली:
बढ़ती हुई गर्मी और ठहरे हुए मॉनसून के बीच देश के बांधों में पानी के स्तर को लेकर खतरे की घंटी बज गई है। देश के कई बड़े जलाशयों में सिर्फ 16 फीसदी पानी बचा है। ये चिंता किसी और ने नहीं बल्कि देश के केंद्रीय जल आयोग ने जताई है।
आयोग की ताज़ा रिपोर्ट बता रही है कि देश के कई बड़े बांधों में पानी लगातार घट रहा है। जल आयोग के मुताबिक देश के कई बड़े जलाशयों में सिर्फ 16 फीसदी पानी बचा है। बीते साल के मुकाबले 84 सबसे बड़े बांधों में बस औसत के मुकाबले 62 फीसदी पानी है।
कर्नाटक के जलाशयों में औसत से 55 कम पानी है। महाराष्ट्र के जलाशयों में औसत से 45 कम है। पंजाब के जलाशयों में औसत से 35 कम है जबकि हिमाचल प्रदेश के जलाशयों में औसत से 33 कम पानी है। जल आयोग का कहना है कि राज्य बहुत संभाल कर पानी खचर् करें काफ़ी अहम ज़रूरतों के लिए ही पानी लें वरना हालात बिगड़ सकते हैं।
गर्मी की बदहाली और बारिश में हो रही देर का असर भाखड़ा नांगल और पोंग बांधों पर भी पड़ा है। इन दोनों बांधों में पानी का स्तर बेहद नीचे चला गया है। हालत का सामना कैसे किया जाए इसके लिए 5 जुलाई को एक आपात बैठक बुलाई गई है।
आयोग की ताज़ा रिपोर्ट बता रही है कि देश के कई बड़े बांधों में पानी लगातार घट रहा है। जल आयोग के मुताबिक देश के कई बड़े जलाशयों में सिर्फ 16 फीसदी पानी बचा है। बीते साल के मुकाबले 84 सबसे बड़े बांधों में बस औसत के मुकाबले 62 फीसदी पानी है।
कर्नाटक के जलाशयों में औसत से 55 कम पानी है। महाराष्ट्र के जलाशयों में औसत से 45 कम है। पंजाब के जलाशयों में औसत से 35 कम है जबकि हिमाचल प्रदेश के जलाशयों में औसत से 33 कम पानी है। जल आयोग का कहना है कि राज्य बहुत संभाल कर पानी खचर् करें काफ़ी अहम ज़रूरतों के लिए ही पानी लें वरना हालात बिगड़ सकते हैं।
गर्मी की बदहाली और बारिश में हो रही देर का असर भाखड़ा नांगल और पोंग बांधों पर भी पड़ा है। इन दोनों बांधों में पानी का स्तर बेहद नीचे चला गया है। हालत का सामना कैसे किया जाए इसके लिए 5 जुलाई को एक आपात बैठक बुलाई गई है।
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