दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) ने राजधानी को जल संकट (Water Crisis) से बचाने के लिए हरियाणा सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल अर्जी पर जल्द सुनवाई की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करेगा. DJB के अनुसार यमुना में अमोनिया का ऊंचा स्तर और वजीराबाद बैराज में लगातार घटते जल स्तर के कारण दिल्ली को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. वजीराबाद बैराज डीजेबी के वजीराबाद, ओखला और चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को पानी आपूर्ति करता है.यमुना का जल स्तर नियमों के तहत 674.50 फीट होना चाहिए लेकिन इस समय यह महज 670.4 फीट रह गया है. वजीराबाद बैराज में पानी की मात्रा और गुणवत्ता पूरी तरह हरियाणा पर निर्भर करती है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने यमुना में गंदगी को लेकर स्वत: संज्ञान भी लिया है.
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दरअसल, दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पर्याप्त पानी रिलीज करने की मांग की है. दिल्ली जल बोर्ड ने याचिका में आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार यमुना में प्रदूषण फैला रही है और सुप्रीम कोर्ट, हरियाणा सरकार को आदेश दे कि वो यमुना में प्रदूषण न फैलाए. दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार यमुना में अमोनिया का ऊंचा स्तर और वजीराबाद बैराज में लगातार घटते जल स्तर के कारण दिल्ली को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है.
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दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, एक बार फिर हरियाणा ने दिल्ली को कच्चे पानी की सप्लाई में कटौती क़ी है जिससे साफ़ पानी उत्पादन में कमी आ रही है. दिल्ली जल बोर्ड का आरोप है कि गर्मी के मौसम में पानी की सप्लाई बाधित करने वाला हरियाणा का व्यवहार ठीक नहीं है. DJB के मुताबिक 'हम हरियाणा सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह दिल्ली को कच्चे पानी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाए और अमोनिया स्तर में वृद्धि और दूसरे प्रदूषण के लेवल पर रोक लगाए.
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