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This Article is From Feb 18, 2022

भर्ती में भ्रष्टाचार के लिए बदनाम रहे व्यापम का नाम मध्य प्रदेश सरकार ने दूसरी बार बदला

Vyapam Scam : मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल या व्यापमं के नाम से भी जाना जाता था, जो कि चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं में कथित घोटालों की वजह से खासा कुख्यात हो गया था.

भर्ती में भ्रष्टाचार के लिए बदनाम रहे व्यापम का नाम मध्य प्रदेश सरकार ने दूसरी बार बदला
व्यापम घोटाले ने चयन प्रक्रिया में धांधली को उजागर किया था
भोपाल:

मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी भर्तियों में भ्रष्टाचार के लिए बदनाम रहे चयन बोर्ड व्यापम (Vyapam Scam) का नाम फिर बदल दिया है. हालांकि नाम बदलने की कोई वजह मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार की ओर से नहीं बताई गई है. खबरों के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को एमपी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का नाम बदल कर कर्मचारी चयन बोर्ड करने का फैसला लिया है. इसे पहले मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल या व्यापमं के नाम से भी जाना जाता था, जो कि चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं में कथित घोटालों की वजह से खासा कुख्यात हो गया था. यह दूसरी दफा है जब शिवराज सरकार ने परीक्षा आयोजित करने वाली प्रदेश की इस संस्था का नाम बदल दिया है.

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एमपी के गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को कहा, ‘‘एमपी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का नाम बदलने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया है. ये बोर्ड अब सामान्य प्रशासन विभाग के तहत काम करेगा. इससे पहले यह राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत था. मालूम हो कि मध्य प्रदेश का व्यापम घोटाला देश में चर्चित रहा था. इसके बाद सरकार ने मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) का नाम बदलकर एमपी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया था. करोड़ों रुपये का व्यापमं घोटाला वर्ष 2013 में सामने आया था.

इसमें उम्मीदवारों ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को लिखने के लिए बिचौलियों के जरिए अधिकारियों को रिश्वत दी और परीक्षाओं में कई तरह से धांधली की. यह घोटाला 1995 में शुरू हुआ, जिसमें नेता, वरिष्ठ अधिकारी और व्यवसायी शामिल थे. सीबीआई ने वर्ष 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जांच अपने हाथ में ली थी.

नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रिमंडल के अन्य फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट ने 19 वें एशियाई खेलों के प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के घुड़सवार फराज खान को 50 लाख रुपये विदेश में प्रशिक्षण लेने हेतु स्वीकृत किए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पूर्व में की गई घोषणा के अनुसार पेंशनभोगियों, सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और पंचायत सचिवों को देय महंगाई भत्ते में राहत देने की मंजूरी भी दी गई है.

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