जयपुर:
राजस्थान के 31 जिलों में 129 निकाय चुनावों के लिए मतदान समाप्त हो गया है। वोटिंग शाम पांच बजे तक चली। अजमेर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के लिए भी मतदान हुआ और सारे निकायों के परिणाम 20 अगस्त को घोषित किए जाएंगे। इसके बाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और नगर परिषदों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। जानकारी के अनुसार सोमवार को हुई इस वोटिंग में करीब 76.05 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया।
इस चुनाव में 37,58,574 मतदाता रहे, जिनमें से 18 लाख महिला वोटर हैं। चुनाव में करीब 10,000 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े हुए। ये चुनाव अपने आप में इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि बीजेपी की कोशिश है कि विधानसभा और लोकसभा में मिली बढ़त को वह कायम रखे। उधर, डेढ़ साल से कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में जुटे सचिन पायलट की कोशिश है कि इन चुनावों में कांग्रेस खोए हुए समर्थन को वापस हासिल करे।
ये चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि देश में पहली बार उम्मीदवारों को शपथ पत्र देना पड़ा था कि उनके घर में शौचालय है और उनके परिवार का कोई भी सदस्य खुले में शौच करने नहीं जाता है। चुनाव लड़ने के लिए शौचालय का होना जरूरी शर्त था और चुनाव के पहले राजस्थान सरकार ने इस बारे में एक अध्यादेश भी जारी किया था।
साथ ही सभी उम्मीदवारों का 10वीं पास होना भी जरूरी है। किसी चुनाव के लिए ये सब देश में पहली बार हुआ है। जनवरी में हुए पंचायत चुनावों में भी राजस्थान सरकार ने शर्त रखी थी कि चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी होगी।
इस चुनाव में 37,58,574 मतदाता रहे, जिनमें से 18 लाख महिला वोटर हैं। चुनाव में करीब 10,000 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े हुए। ये चुनाव अपने आप में इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि बीजेपी की कोशिश है कि विधानसभा और लोकसभा में मिली बढ़त को वह कायम रखे। उधर, डेढ़ साल से कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में जुटे सचिन पायलट की कोशिश है कि इन चुनावों में कांग्रेस खोए हुए समर्थन को वापस हासिल करे।
ये चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि देश में पहली बार उम्मीदवारों को शपथ पत्र देना पड़ा था कि उनके घर में शौचालय है और उनके परिवार का कोई भी सदस्य खुले में शौच करने नहीं जाता है। चुनाव लड़ने के लिए शौचालय का होना जरूरी शर्त था और चुनाव के पहले राजस्थान सरकार ने इस बारे में एक अध्यादेश भी जारी किया था।
साथ ही सभी उम्मीदवारों का 10वीं पास होना भी जरूरी है। किसी चुनाव के लिए ये सब देश में पहली बार हुआ है। जनवरी में हुए पंचायत चुनावों में भी राजस्थान सरकार ने शर्त रखी थी कि चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी होगी।
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