नई दिल्ली:
जर्मनी की वाहन कंपनी फॉक्सवैगन समूह ने कहा है कि वह उत्पादों और इकाइयों के उन्नयन के लिए अगले दो साल में भारत में 10 करोड़ यूरो यानी करीब 700 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
हालांकि समूह ने इससे पहले परिचालन विस्तार पर 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई थी, लेकिन उसने अभी इसे रोक रखा, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार के साथ वैट रिफंड का मामला अभी नहीं सुलझा है।
फॉक्सवैगन समूह के मुख्य प्रतिनिधि (भारत) जॉन शैको ने संवाददाताओं से कहा, हमें अपनी इकाइयों में सुधार, निर्यात के लिए मॉडल में थोड़े बदलाव और अन्य चीजों पर निवेश करने की जरूरत है। हम भारत में अगले दो साल में पूरे समूह के लिए करीब 10 करोड़ यूरो का निवेश कर रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि समूह फिलहाल भारत में अपने अन्य बड़े निवेश नहीं कर रहा है।
शैको ने कहा, समूह के तौर पर हमने 2,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई थी, जो फिलहाल ताक पर रख दी गई है, क्योंकि कई नीतिगत फैसलों में अस्पष्टता है। हम हालांकि अब भी विभिन्न नीतिगत मामलों के संबंध में महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं।
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने इससे पहले उन कंपनियों द्वारा बेचे गए सभी वाहनों पर भुगतान किए गए वैट के रिफंड की व्यवस्था की थी, जिनकी फैक्ट्रियां महाराष्ट्र में हैं। पिछले साल राज्य सरकार ने इसमें यह कहते हुए परिवर्तन किया वह सिर्फ राज्य में बिके वाहनों पर लगा वैट रिफंड करेगी।
हालांकि समूह ने इससे पहले परिचालन विस्तार पर 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई थी, लेकिन उसने अभी इसे रोक रखा, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार के साथ वैट रिफंड का मामला अभी नहीं सुलझा है।
फॉक्सवैगन समूह के मुख्य प्रतिनिधि (भारत) जॉन शैको ने संवाददाताओं से कहा, हमें अपनी इकाइयों में सुधार, निर्यात के लिए मॉडल में थोड़े बदलाव और अन्य चीजों पर निवेश करने की जरूरत है। हम भारत में अगले दो साल में पूरे समूह के लिए करीब 10 करोड़ यूरो का निवेश कर रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि समूह फिलहाल भारत में अपने अन्य बड़े निवेश नहीं कर रहा है।
शैको ने कहा, समूह के तौर पर हमने 2,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई थी, जो फिलहाल ताक पर रख दी गई है, क्योंकि कई नीतिगत फैसलों में अस्पष्टता है। हम हालांकि अब भी विभिन्न नीतिगत मामलों के संबंध में महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं।
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने इससे पहले उन कंपनियों द्वारा बेचे गए सभी वाहनों पर भुगतान किए गए वैट के रिफंड की व्यवस्था की थी, जिनकी फैक्ट्रियां महाराष्ट्र में हैं। पिछले साल राज्य सरकार ने इसमें यह कहते हुए परिवर्तन किया वह सिर्फ राज्य में बिके वाहनों पर लगा वैट रिफंड करेगी।
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