भारतीय नौसेना ने विशाखापत्तनम के किंग जॉर्ज हॉस्पिटल को 5 और पोर्टेबल मल्टीफ़ीड ऑक्सीजन सेट दिए हैं. साथ में लोगो को तुरंत तकनीकी मदद पहुंचाने के लिये नेवल डॉकयार्ड विशाखापत्तनम ने अपनी टीमें अस्पताल में भेजी हैं. गौरतलब है कि आज सुबह विशाखापत्तनम के एलजी पॉलीमर्स से गैस रिसाव की वजह से बड़ी संख्या में रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. अस्पताल में भर्ती मरीजों को जल्द से जल्द ऑक्सीजन देने के लिये नेवल डॉकयार्ड ने अपना डिज़ाइन किया हुआ पोर्टेबल मल्टीफीड ऑक्सीजन मैनिफोल्ड सिस्टम दिया है ताकि एक साथ छह मरीजों को ऑक्सीजन दी जा सके.
आमतौर पर एक ऑक्सीजन सिलिंडर से एक ही मरीज को ऑक्सीजन दिया जा सकता है. नेवल डॉक्वार्ड ने कोरोनामहामारी के खिलाफ छह रोगियों को एक साथ ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए एक जंबो आकार की ऑक्सीजन सिलिंडर का निर्माण किया. COVID नामित अस्पतालों में उपयोग के लिए नेवल डॉकयार्ड ने जिला प्रशासन को 25 ऐसे सेट दिये हैं.
बता दें कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में केमिकल प्लांट में गैस लीक की दुर्घटना के बाद अब इस मामले में सुरक्षा मानकों को लेकर जांच किए जाने की मांग की जा रही है. साथ ही इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस केमिकल यूनिट को दोबारा शुरू किए जाने से पहले एहतियात बरती गई थी. गैस लीक की इस दुर्घटना में 10 लोगों की जान जा चुकी है और एक हजार लोग इससे बीमार पड़ चुके हैं. इस केमिकल दुर्घटना के चलते 200 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
दरअसल , जहरीली गैस एलजी पॉलीमर प्लांट से निकली है जो पिछले 40 दिनों से बंद था. बिना सावधानी बरते इस प्लांट को दोबार शुरू किया गया था. रात 2:30 बजे के आसपास प्लांट के आसपास रहने वाले लोगों ने गैस को महसूस किया और आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की.
पुलिस के मुताबिक यह गैस दो 5,000 टन के टैंकों से निकली. लॉकडाउन के बाद प्लांट दोबारा शुरू किए जाने के दौरान टैंकों में केमिकल रिएक्शन हुआ और हीट निकली. जिसके गैस लीक की दुर्घटना हुई.
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