उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों को शुरू में उस समय चिंता हुई जब उन्होंने एक मगरमच्छ (Alligator) को स्थानीय तालाब में दुबका हुआ पाया. लेकिन फिर उन्होंने एक योजना बनाई - फिरौती मांगने के लिए. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को मानसून की बाढ़ के बाद उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के मिदनाया गांव में पास के प्रकृति अभ्यारण्य से आठ फुट का मगरमच्छ निकला.
दुधवा टाइगर रिजर्व के आसपास बफर जोन के लिए जिम्मेदार एक अधिकारी अनिल पटेल ने एएफपी को बताया कि स्थानीय लोगों ने मगरमच्छ को पकड़ लिया और फिर उसे वापस देने के लिए 50,000 रु. की मांग की. पटेल ने कहा, "मगरमच्छ को छोड़ने के लिए स्थानीय पुलिस और अधिकारियों की मदद से लोगों को समझाने में हमें घंटों लग गए. "
इस दौरान ग्रामीणों को कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी गई थी, अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाते हुए कि उन्हें इसके लिए सात साल तक की जेल की सजा होने का खतरा है.
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पटेल ने कहा, "अब मगरमच्छ स्वतंत्र है, हमने इसे उसी दिन घाघरा नदी में छोड़ दिया."
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि मगरमच्छ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित जानवर है। हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम वन्यजीवों के बारे में अधिक लोगों को शिक्षित करें.
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