अर्थव्यवस्था के तौर-तरीकों में बुनियादी बदलाव लाना हमारा सपना और उद्देश्य : 8वें वाइब्रेंट गुजरात समिट में पीएम मोदी

अर्थव्यवस्था के तौर-तरीकों में बुनियादी बदलाव लाना हमारा सपना और उद्देश्य : 8वें वाइब्रेंट गुजरात समिट में पीएम मोदी

फोटो- वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी

खास बातें

  • वैश्विक नरमी के बावजूद हमने अच्छी वृद्धि हासिल की- पीएम मोदी
  • हमें वैश्विक वृद्धि के इंजन के रूप में देखा जा रहा है- प्रधानमंत्री
  • मई 2014 के बाद FDI 130 अरब डॉलर पहुंच गया है- पीएम नरेंद्र मोदी
गांधी नगर:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आर्थिक नीतियों और कार्यक्रमों में सुधारों को निरंतर आगे बढ़ाने को लेकर मंगलवार को सरकार की सशक्त प्रतिबद्धता व्यक्त की और देश की राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था बुनियादी बदलाव लाने का वादा किया. प्रधानमंत्री ने कहा भारत को कारोबार की दृष्टि से सबसे सुगम स्थान बनाने के लिए व्यवस्था को भ्रष्टाचार मुक्त तथा प्रक्रियाओं को आसान बनाया जाएगा. पीएम मोदी ने यहां हर दो साल पर होने वाले वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि कंपनियों के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना तथा निवेश आकर्षित करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है.

इस वैश्विक निवेशक सम्मलेन की लोकप्रियता को देदखते हुए अब इसे 'पूर्व का दावोस' कहा जाने लगा है. विश्व व्यापार मंच द्वारा स्विट्जरलैंड के वार्षिक दावोस सम्मेलन की तरह वाइब्रेंट गुजरात सम्मलेन में भी फार्च्यून 500 सूची की कई कंपनियों के सीईओ तथा अनेक देशों के राजनेता और प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा, 'हमने व्यापार सुगमता पर अत्यधिक जोर दिया है..मेरी सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था के निरंतर सुधार को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है'. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले ढाई साल से सरकार ने भारत की क्षमता को हकीकत में बदलने तथा अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए दिन-रात काम किया है. उन्होंने कहा कि इसका परिणाम उत्साहजनक है. जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति, राजकोषीय घाटा, चालू खाते का घाटा जैसे वृहत आर्थिक संकेतकों के साथ विदेशी निवेश में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

उन्होंने कहा, 'भारत दुनिया में तीव्र वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है. वैश्विक नरमी के बावजूद हमने अच्छी वृद्धि हासिल की. आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में आकर्षक स्थल है. हमें वैश्विक वृद्धि के इंजन के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि मई 2014 के बाद कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 130 अरब डॉलर पहुंच गया. यह भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों के भरोसे को प्रतिबिंबित करता है.

प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन के आठवें संस्करण में अपने संबोधन में कहा कि 'भारत दुनिया की सबसे अधिक डिजिटलीकृत अर्थव्यवस्था बनने की दहलीज पर खड़ा है. प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत अपनी ऊंची आर्थिक वृद्धि के साथ सबसे आकषर्क स्थल है'.

उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार को सर्व प्रथम स्वच्छ शासन देने और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म करने के लिए चुना गया था... हमारा सपना और लक्ष्य हमारी राजनीतिक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था में बुनियादी बदलाव लाना है'.

प्रधानमंत्री ने सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा और जापान का विशेष आभार प्रकट किया. उन्‍होंने कहा कि 'करीब 100 कंपनियों ने अपने उत्‍पाद एवं सेवाओं को पेश किया है. गुजरात महात्‍मा गांधी और सरदार पटेल की भूमि, व्‍यापार की भी भूमि है. यह कहा जाता है कि लोकतंत्र शीघ्र परिणाम और सुशासन नहीं प्रदान कर सकता, लेकिन हमने पिछले ढाई साल में देखा है कि यह संभव है'.

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आगे कहा 'हमारे संस्‍थान और स्‍कॉलर्स दुनियाभर में पहचाने जाते हैं. भारत अनुसंधान और विकास का हब है. हमारे पास वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का दूसरा सबसे बड़ा पूल हैं. भारत में राज्‍यों और केंद्र के संयुक्‍त प्रयास मेक इन इंडिया के लिए बहुत द्वार खोल चुके हैं'.

पीएम ने कहा कि 'मैं गुजरात सरकार का अभिनंदन करता हूं कि उन्‍होंने उन्‍नत नीतियों के आधार पर विदेशी निवेश को आकर्षित किया है. हमारी नीतियों का लाभ गांव और शहर दोनों को समान रूप से मिले. गांव और किसान तक लाभ पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है. हमारा विकास एजेंडा महत्‍वाकांक्षी है. हर गरीब के पास साल 2020 तक अपना घर होना चाहिए. हम यह लक्ष्‍य लेकर चल रहे हैं'.

पीएम मोदी ने कहा कि 'हाथ में हुनर और काम के अवसर हों तो हम एक नया हिंदुस्‍तान बनाकर खड़ा कर देंगे. अर्थव्यवस्था के तौर-तरीकों में बुनियादी बदलाव लाना हमारा सपना और उद्देश्य है. भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के इंजन के तौर पर देखा जा रहा है. सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के प्रति प्रतिबद्ध है, कारोबार में सुगमता पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रही है. भारत को कारोबार के लिए सबसे आसान जगह बनाने के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं को हम सरल बना रहे हैं. पिछले दो वित्त वर्ष में एफडीआई उससे पिछले के दो सालों की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक रहा. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत एफडीआई हासिल करने वाला एक प्रमुख देश है'.

उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में भारत में 130 अरब डॉलर का एफडीआई आया है. पिछले दो वित्त सालों में एफडीआई का प्रवाह इससे पिछले दो वित्त सालों से 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है. पिछले साल देश में आब तक का सर्वाधिक एफडीआई प्राप्त हुआ. मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा विनिर्माणकर्ता देश बन चुका है. पहले यह 9वें स्थान पर है. इन सभी चीजों से रोजगार बाजार को बढ़ाने में मदद मिल रही है और हमारे लोगों की खरीद क्षमता बढ़ रही है, लेकिन वास्तविक क्षमता इससे कहीं ऊंची है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार के विकास एजेंडा में सभी को छत, सभी हाथों में काम, स्वच्छ ऊर्जा, सड़कों का निर्माण, ट्रेनों को तेज बनाना, खनिज उत्खनन को हरित करना, शहरी सुविधाओं का विकास और जीवन स्तर को बेहतर से बेहतर बनाना है.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां गुजरात सरकार द्वारा आयोजित निवेश सम्मेलन में भाग लेने आए कई विदेशी राजनीतिज्ञों तथा उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ बैठक की. इनमें रवांडा के राष्ट्रपति तथा सर्बिया के प्रधानमंत्री शामिल हैं. इन बैठकों का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना तथा निवेश अवसरों को तलाशना है.
 
वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन के मौके पर अलग से बैठकों में मोदी ने विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के अलावा फॉर्च्यून 500 सूची स्थान रखने वाली विभिन्न कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों से मुलाकात की. इनमें सिस्को के जॉन चैंबर्स भी शामिल हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, 'रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागेम के साथ भारत-रवांडा रिश्तों के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया'. इस दौरान दोनों देशों के बीच फॉरेंसिक साइंस सहयोग के सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए गए. इसके अलावा रवांडा को इंटरनेशनल सोलर अलायंस में शामिल करने के लिए भी करार हुआ. पीएम मोदी की सर्बिया के प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर वूसिक के साथ भी द्विपक्षीय बैठक हुई..

साथ ही जापान के आर्थिक मंत्री सेको हिरोशिगे ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की. सम्मेलन में बड़ी संख्या में जापानी कंपनियां भाग ले रही हैं. पीएमओ ने ट्वीट किया कि जापान के उर्जा, यूटिलिटीज मंत्री क्रिश्चियन लिलेहोल्ट ने भी प्रधानमंत्री के साथ विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया.

इस्राइल के कृषि मंत्री के साथ बैठक में भारत-इस्राइल सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार विमर्श किया गया. जिन अन्य नेताओं ने मोदी के साथ बैठक की, उनमें स्वीडन के शिक्षा मंत्री एना इकस्ट्रॉम तथा संयुक्त अरब अमीरात के उप मंत्री राशिद अहमद बिन फहाद शामिल हैं. सिस्को सिस्टम के चेयरमैन जॉन थॉमस चैंबर्स ने भी सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री के साथ अलग से मुलाकात की. चैंबर्स ने कल कहा था कि उनकी कंपनी दुनिया में भारत में सबसे अधिक दांव लगा रही है.

फ्रांस की बिजली क्षेत्र की कंपनी ईडीएफ के सीईओ जीन बर्नार्ड लेवी तथा फ्रांस की सरकारी रेलवे कंपनी एसएनसीएफ (फ्रांस) के सीईओ ग्यूलाउम पेपी ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की. (इनपुट भाषा से भी)


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