अयोध्या में फ्लैग मार्च।
लखनऊ/फैजाबाद:
विश्व हिन्दू परिषद द्वारा 25 अगस्त से अयोध्या-फैजाबाद सहित छह जिलों से होकर गुजरने वाली 84 कोसी परिक्रमा यात्रा को रोकने के लिए सरकार ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। अयोध्या को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहां चप्पे-चप्पे पर खुफिया पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है।
दूसरी ओर, विहिप भी पल-पल रणनीति बदल रही है। इस बीच, अयोध्या की ओर कूच कर रहे सैकड़ों की संख्या में संतों को आगरा, झांसी आदि जिलों में गिरफ्तार कर लिया गया है। भूमिगत हो चुके विहिप नेताओं व साधु-संतों की तलाश की जा रही है।
प्रस्तावित 84 कोसी परिक्रमा के मद्देनजर अयोध्या पूरी तरह से छावनी में तब्दील हो गई है। सामान्य दिनों में आने वाले तीर्थ यात्री भी अब वहां जाने से परहेज कर रहे हैं। वहीं अयोध्या में पहले से मौजूद तीर्थ यात्री मौका पाकर समय से पूर्व ही अपने-अपने घरों के लिए प्रस्थान कर गए हैं।
वर्तमान में अयोध्या में स्थानीय निवासियों के अलावा यदि कोई बाहरी है तो सिर्फ और सिर्फ पुलिस बल। अयोध्या-फैजाबाद जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं। वहीं उप्र की सीमा से जुड़ने वाले समीपवर्ती राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार तथा छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर चैकसी बढ़ा दी गई है।
यात्रा को सफल बनाने के लिए विहिप गोपनीय रणनीति तैयार कर रही है। इसमें आरएसएस (संघ) भी उसका मार्ग दर्शन कर रहा है। उधर प्रशासन ने विहिप की योजना का पता लगाने के लिए अयोध्या के महत्वपूर्ण ठिकानों पर खुफियाकर्मियों का जाल बिछा दिया है। इसके अलावा 10 अस्थायी जेलें बना दी गई हैं।
श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने में प्रशासन का सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा है कि वह स्वयं इस यात्रा में शामिल होंगे।
डीएम व एसएसपी ने अयोध्या में तैनात पुलिसकर्मियों को शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। होटलों, धर्मशालाओं, बस व रेलवे स्टेशनों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है।
इस बीच, 84 कोसी परिक्रमा में शामिल होने के लिए 25 अगस्त से पूर्व बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से प्रमुख संत-महात्मा इलाहाबाद पहुंच रहे हैं। ये लोग शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में विश्राम करेंगे।
पुलिस-प्रशासन की सख्ती को धता बताकर अयोध्या के लिए अलग-अलग टोलियों में रवाना होंगे।
शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती और अखिल भारतीय दण्डी प्रबंधन समिति के महामंत्री और पीठाधीश्वर स्वामी ब्रताश्रम महाराज चरखी दादरी ने आंदोलन का नेतृत्व करने वालों को आशीर्वाद दिया है। इन संत-महात्माओं का कहना है कि चातुर्मास की वजह से ये लोग अपने आश्रम से निकलकर नदी और नाला पार नहीं कर सकते हैं।
विहिप सूत्रों ने बताया कि अभी इलाहाबाद से अयोध्या जाने वाले संत-महात्माओं के नाम की घोषणा नहीं की जाएगी लेकिन इतना तय है कि देश के कोने-कोने से करीब 200 से अधिक प्रमुख संत-महात्मा इलाहाबाद से अयोध्या के लिए कूच करेंगे।
उधर, आगरा की शहर सीमा में घुसते ही पुलिस ने 66 संतों को गिरफ्तार कर लिया है। संतों का यह काफिला अयोध्या की चौरासी कोस परिक्रमा को राजस्थान से चला था। गिरफ्तारी के बाद संतों को पुलिस अभिरक्षा में आगरा पुलिस लाइन लाया गया। अयोध्या में चौरासी कोस परिक्रमा में शामिल होने के लिए करीब 150 संत राजस्थान के जयपुर से निकले। आगरा से गुजरती हुई संतों की यह यात्रा अयोध्या पहुंचनी थी।
संतों के आगमन की भनक लगते ही पुलिस हरकत में आ गई। प्रदेश की प्रवेश सीमा पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। तय कार्यक्रम के मुताबिक संतों की टोली राजस्थान बार्डर से पार होकर चैमा शाहपुर गांव पहुंची। यहां पर पहले से ही मुस्तैद पुलिस ने काफिले को रोकते हुए 66 संतों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि एसडीएम किरावली राधा एस. चौहान के मुताबिक 45 संत ही गिरफ्तार किए गए हैं।
उधर, चित्रकूट से अयोध्या जा रहे 17 संतों को सातमील के पास पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पिकअप से अयोध्या जा रहे 17 संतों के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई की जा रही है। सीओ निवेश कटियार ने बताया कि कानून व्यवस्था के साथ किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।
उधर, भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि 84 कोसी परिक्रमा के लिए संतों को शैतानों से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
यात्रा के दौरान सरकार ने यदि संतों पर गोली चलाई तो भाजपा क्या करेगी, के सवाल पर उनका कहना है कि यदि सरकार ने ऐसा किया तो भाजपा अपनी ताकत दिखाएगी।
दूसरी ओर, विहिप भी पल-पल रणनीति बदल रही है। इस बीच, अयोध्या की ओर कूच कर रहे सैकड़ों की संख्या में संतों को आगरा, झांसी आदि जिलों में गिरफ्तार कर लिया गया है। भूमिगत हो चुके विहिप नेताओं व साधु-संतों की तलाश की जा रही है।
प्रस्तावित 84 कोसी परिक्रमा के मद्देनजर अयोध्या पूरी तरह से छावनी में तब्दील हो गई है। सामान्य दिनों में आने वाले तीर्थ यात्री भी अब वहां जाने से परहेज कर रहे हैं। वहीं अयोध्या में पहले से मौजूद तीर्थ यात्री मौका पाकर समय से पूर्व ही अपने-अपने घरों के लिए प्रस्थान कर गए हैं।
वर्तमान में अयोध्या में स्थानीय निवासियों के अलावा यदि कोई बाहरी है तो सिर्फ और सिर्फ पुलिस बल। अयोध्या-फैजाबाद जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं। वहीं उप्र की सीमा से जुड़ने वाले समीपवर्ती राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार तथा छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर चैकसी बढ़ा दी गई है।
यात्रा को सफल बनाने के लिए विहिप गोपनीय रणनीति तैयार कर रही है। इसमें आरएसएस (संघ) भी उसका मार्ग दर्शन कर रहा है। उधर प्रशासन ने विहिप की योजना का पता लगाने के लिए अयोध्या के महत्वपूर्ण ठिकानों पर खुफियाकर्मियों का जाल बिछा दिया है। इसके अलावा 10 अस्थायी जेलें बना दी गई हैं।
श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने में प्रशासन का सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा है कि वह स्वयं इस यात्रा में शामिल होंगे।
डीएम व एसएसपी ने अयोध्या में तैनात पुलिसकर्मियों को शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। होटलों, धर्मशालाओं, बस व रेलवे स्टेशनों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है।
इस बीच, 84 कोसी परिक्रमा में शामिल होने के लिए 25 अगस्त से पूर्व बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से प्रमुख संत-महात्मा इलाहाबाद पहुंच रहे हैं। ये लोग शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में विश्राम करेंगे।
पुलिस-प्रशासन की सख्ती को धता बताकर अयोध्या के लिए अलग-अलग टोलियों में रवाना होंगे।
शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती और अखिल भारतीय दण्डी प्रबंधन समिति के महामंत्री और पीठाधीश्वर स्वामी ब्रताश्रम महाराज चरखी दादरी ने आंदोलन का नेतृत्व करने वालों को आशीर्वाद दिया है। इन संत-महात्माओं का कहना है कि चातुर्मास की वजह से ये लोग अपने आश्रम से निकलकर नदी और नाला पार नहीं कर सकते हैं।
विहिप सूत्रों ने बताया कि अभी इलाहाबाद से अयोध्या जाने वाले संत-महात्माओं के नाम की घोषणा नहीं की जाएगी लेकिन इतना तय है कि देश के कोने-कोने से करीब 200 से अधिक प्रमुख संत-महात्मा इलाहाबाद से अयोध्या के लिए कूच करेंगे।
उधर, आगरा की शहर सीमा में घुसते ही पुलिस ने 66 संतों को गिरफ्तार कर लिया है। संतों का यह काफिला अयोध्या की चौरासी कोस परिक्रमा को राजस्थान से चला था। गिरफ्तारी के बाद संतों को पुलिस अभिरक्षा में आगरा पुलिस लाइन लाया गया। अयोध्या में चौरासी कोस परिक्रमा में शामिल होने के लिए करीब 150 संत राजस्थान के जयपुर से निकले। आगरा से गुजरती हुई संतों की यह यात्रा अयोध्या पहुंचनी थी।
संतों के आगमन की भनक लगते ही पुलिस हरकत में आ गई। प्रदेश की प्रवेश सीमा पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। तय कार्यक्रम के मुताबिक संतों की टोली राजस्थान बार्डर से पार होकर चैमा शाहपुर गांव पहुंची। यहां पर पहले से ही मुस्तैद पुलिस ने काफिले को रोकते हुए 66 संतों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि एसडीएम किरावली राधा एस. चौहान के मुताबिक 45 संत ही गिरफ्तार किए गए हैं।
उधर, चित्रकूट से अयोध्या जा रहे 17 संतों को सातमील के पास पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पिकअप से अयोध्या जा रहे 17 संतों के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई की जा रही है। सीओ निवेश कटियार ने बताया कि कानून व्यवस्था के साथ किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।
उधर, भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि 84 कोसी परिक्रमा के लिए संतों को शैतानों से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
यात्रा के दौरान सरकार ने यदि संतों पर गोली चलाई तो भाजपा क्या करेगी, के सवाल पर उनका कहना है कि यदि सरकार ने ऐसा किया तो भाजपा अपनी ताकत दिखाएगी।
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