मार्च में बारिश की इस बेमौसम मार ने कई किसानों को बर्बाद कर दिया है। एक बड़े इलाके में खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों, मटर, आलू की फसल काफ़ी हद तक बर्बाद हो गई है। मौसमी सब्ज़ियों का भी यही हाल है। पानी पड़ने से काफ़ी सब्ज़ियां खेतों में ख़राब हो गई हैं। नतीजा किसानों के साथ-साथ ग्राहकों को भी भुगतना पड़ रहा है।
ओखला मंडी के दुकानदार चंदूराम की मानें तो बारिश के चलते मंडी में नई फसल नहीं आई और जो सब्जियां आ रही हैं वह भी पर्याप्त मात्रा में नहीं आ रही हैं। बीते एक हफ़्ते में सब्जियों के दामों पर नज़र डालें तो क़ीमतों में उछाल साफ़ नज़र आ रहा है।
सब्ज़ी पिछले हफ़्ते इस हफ़्ते
आलू 16 24
प्याज़ 16 30
भिंडी 50-60 100
तोरी 50 80
करेला 40 70
लौकी 15 30
फूलगोभी 15 25
मटर 16-18 28-30
परवल 30-40 50-60
खीरा 10-12 30-40
पालक 10 20 (नोट: सब्ज़ियों के भाव मंडी में प्रति किलो के हिसाब से)
मंडी में सब्जी खरीदने आए कुछ ग्राहकों का कहना है कि मंडी में सब्जियां कुछ सस्ती जरूर हैं, लेकिन फिर भी उनका बजट बिगाड़ रहीं हैं। राहत की बात यह है कि राजनीति में उठापठक करने वाले आलू और प्याज के दाम कुछ हद तक काबू में हैं। मार्च के महीने में बारिश ने बीते सौ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, लेकिन ये रिकॉर्ड किसानों के लिए कमर तोड़ साबित हुआ है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं