वरुण गांधी का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सोमवार शाम को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी के सांसदों की मीटिंग बुलाई थी। उसमें सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी नदारद रहे। इसको हाल में इलाहाबाद में दो दिवसीय पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पूरे शहर में वरुण गांधी के पोस्टर लगे होने और कार्यक्रम में रॉकस्टार स्टाइल में पहुंचने के घटनाक्रम से जोड़ के देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ज्यादा चर्चा के केंद्र में वरुण गांधी ही रहे।
अमित शाह की मीटिंग में यूपी के 71 सांसदों में से 65 उपस्थित थे। यह बात इसलिए भी काबिलेगौर है क्योंकि राज्य में आगामी विधान सभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी की तरफ से वरुण को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने के लिए जिन लोगों ने भी उनके नाम के पोस्टर लगाए, पार्टी ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया मीटिंग में पोस्टर मामले की गहन जांच के बाद एक रिपोर्ट पेश की गई और पार्टी इस मामले में जिम्मेदार वरुण गांधी के समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकती है। इस संबंध में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने पहले ही परोक्ष रूप से पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा था, जो लोग भी ऐसा कर रहे हैं वे पार्टी लाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। इस पर मौर्य ने कहा, 'पार्टी का अपना अनुशासन है। उसकी लक्ष्मण रेखा का किसी को भी उल्लंघन नहीं करना चाहिए।'
हालांकि इस मसले को सीधे तौर पर वरुण गांधी के समक्ष नहीं उठाया गया है लेकिन पार्टी के भीतर असंतोष एकदम स्पष्ट है और इसको अमित शाह की मीटिंग से उनकी गैरहाजिरी के रूप में जोड़ कर देखा जा रहा है। वैसे उस मीटिंग में वरुण गांधी की मां और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी उपस्थित थीं। इसके अलावा प्रदेश से पार्टी के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और हेमा मालिनी अपनी अन्य व्यवस्तताओं के चलते मीटिंग में शिरकत नहीं कर सके।
हालांकि वरुण गांधी की गैरमौजूदगी पर मौर्य ने कहा, 'हो सकता है कि उनका पहले से ही कोई अन्य कार्यक्रम रहा हो जिसमें व्यस्त होने के चलते मीटिंग में शिरकत नहीं कर सके।'
अमित शाह की मीटिंग में यूपी के 71 सांसदों में से 65 उपस्थित थे। यह बात इसलिए भी काबिलेगौर है क्योंकि राज्य में आगामी विधान सभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी की तरफ से वरुण को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने के लिए जिन लोगों ने भी उनके नाम के पोस्टर लगाए, पार्टी ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया मीटिंग में पोस्टर मामले की गहन जांच के बाद एक रिपोर्ट पेश की गई और पार्टी इस मामले में जिम्मेदार वरुण गांधी के समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकती है। इस संबंध में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने पहले ही परोक्ष रूप से पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा था, जो लोग भी ऐसा कर रहे हैं वे पार्टी लाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। इस पर मौर्य ने कहा, 'पार्टी का अपना अनुशासन है। उसकी लक्ष्मण रेखा का किसी को भी उल्लंघन नहीं करना चाहिए।'
हालांकि इस मसले को सीधे तौर पर वरुण गांधी के समक्ष नहीं उठाया गया है लेकिन पार्टी के भीतर असंतोष एकदम स्पष्ट है और इसको अमित शाह की मीटिंग से उनकी गैरहाजिरी के रूप में जोड़ कर देखा जा रहा है। वैसे उस मीटिंग में वरुण गांधी की मां और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी उपस्थित थीं। इसके अलावा प्रदेश से पार्टी के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और हेमा मालिनी अपनी अन्य व्यवस्तताओं के चलते मीटिंग में शिरकत नहीं कर सके।
हालांकि वरुण गांधी की गैरमौजूदगी पर मौर्य ने कहा, 'हो सकता है कि उनका पहले से ही कोई अन्य कार्यक्रम रहा हो जिसमें व्यस्त होने के चलते मीटिंग में शिरकत नहीं कर सके।'
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