बनारस के मणिकर्णिका घाट का बदला नजारा, सीवर के पानी से मिली मुक्ति

मणिकर्णिका घाट पर सीवर के पानी और कीचड़ से पट चुके माशानेश्वर बाबा के मंदिर में तेजी से सफाई का काम शुरू है. एक महीने से बह रहे सीवर के पानी से लोग बेहद परेशान थे, एनडीटीवी में जब इसे प्रमुखता से दिखाया तो शासन प्रशासन हरकत में आया.

वाराणसी:

बनारस (Banaras)के मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) पर बीते एक महीने से बह रहे सीवर के पानी से स्थानीय लोग और घाट पर आने जाने वाले सभी बेहद परेशान थे, ऐसे थे कि माशानेश्वर बाबा के मंदिर में भी सीवर का पानी पूरी तरह घुस गया था, जिसको लेकर लोग बेहद दुखी थे. इस पानी से शीघ्र निजात के लिए इलाके के पार्षद से लेकर सभी ने बहुत कोशिश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. मीडिया में खबर आई और एनडीटीवी में जब इसे प्रमुखता से दिखाया तो शासन प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में इसे दुरुस्त किया गया. 

मणिकर्णिका घाट पर सीवर के पानी और कीचड़ से पट चुके माशानेश्वर बाबा के मंदिर में तेजी से सफाई का काम शुरू है. पहले सीवर के पानी को रोका गया और फिर अब कीचड़ और मलबे को निकालने के लिए पंपिंग सेट के पानी से साफ किया जा रहा है. पहले गंगा के बाढ़ और उसके बाद सीवर के पानी में डूबे माशानेश्वर बाबा को मुक्ति दिलाने के लिए यहां के पार्षद और इलाके के लोग एक महीने से परेशान थे, लेकिन उन्हें राहत तब मिली जब NDTV ने इसे प्रमुखता से दिखाया. 

निर्दलीय पार्षद संतोष शर्मा ने कहा कि काशी के महान तीर्थ मणिकर्णिका घाट पर देश भर से कर्मकांड करने के लिए यात्री आते हैं, शव आते हैं और यहां तमाम धार्मिक क्रियाएं होती हैं.  एक महीने से परेशानी थी, अब यह ठीक हो गया है. हम लोगों ने बहुत प्रयास किया. महापौरजी से कहा, वह लोग भी अपना प्रयास कर रहे थे लेकिन एनडीटीवी पर आने के बाद प्रशासन पूरा सक्रिय हो गया उसके बाद हम लोगों को इस दुख से छुटकारा मिला है

मणिकर्णिका घाट महाशमशान है मान्यता है कि यहां पर अंतिम संस्कार होने पर मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है, इसीलिए आसपास के इलाके के लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए यहां आते हैं जिससे बहुत भीड़ रहती है. सीवर के पानी से यहां आने वाले लोग तो बेहद परेशान थे ही, लेकिन ज्‍यादा परेशान यहां कर्मकांड कराने वाले तीर्थ पुरोहित थे जो इसी दुर्व्‍यवस्‍था के बीच कर्मकाण्ड करा रहे थे.   

मणिकर्णिका घाट पर पुजारी निर्मेश द्विवेदी ने कहा कि विगत एक महीने से मणिकर्णिका तीर्थ पूरी तरीके से परेशान था. यहां सीवर का पानी एक महीने से निरंतर बह रहा था, पूरा पितृपक्ष जो 15 दिन का था बीत गया. हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बड़ा महत्व है. 15 दिन हम लोगों ने इसी में श्राद्ध तर्पण किया, इसी नल के पानी में हम लोग यहां के तीर्थ पुरोहित होते हुए भी शर्मिंदा थे. यात्री आते थे और पूछते थे पंडित जी आप लोगों की क्या व्यवस्था है तो हम लोगों की शर्म से निगाह झुक जाती थी. आप लोगों ने न्‍यूज पर चलाया तो कल से शाम से यह समस्या हल हो गई है. 

मणिकर्णिका घाट पर जब शुक्रवार को एनडीटीवी की टीम ने तस्वीर ली थी तब हर तरफ कीचड़ और सीवर का पानी था, लेकिन आज यह पूरी तरह साफ हो चुका है और जहां नहीं साफ है वहां काम हो रहा है. यहीं चाय की दुकान लगाने वाले भैया लाल कहते हैं कि पहले बाढ़ और उसके बाद सीवर के पानी की वजह से दुकान बंद थी, आप लोगों ने खबर दिखाई तो अब अपनी दुकान लगा सकते हैं. 

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